नगरपालिका परिषद चुनाव के लिए 6 जनवरी 2011 को होने जा रहे मतदानके लिए जारी की गई मतदाता सूची में भारी अनियमितताएं सामने आई हैं। जहांएक ही घर में 41 साल के 11 मतदाता हैं, वहीं एक मतदाता 250 वर्ष की हैं।
उल्लेखनीय है कि नगर में परिषद चुनाव की तैयारियां जोरों से चल रही हैं।नाम वापसी के पहले से ही जहां एक ओर उम्मीदवारों ने सघन जनसंपर्क शुरुकर दिया है, वहीं प्रिन्टिंग व्यवसाय से जुडे अनेकों संस्थान चुनावप्रचार सामग्री की तैयारियों में व्यस्त हैं। इसी तरह नगर के दीपकम्प्यूटर्स के संचालक प्रदीप मिश्रा जब मतदाता पर्ची बनाने कीप्रक्रिया पूरी कर रहे थे, तो उन्हें कुछ मतदाता सूचियों में इस तरह कीरोचक जानकारी मिली,यह इस प्रकारहैं - एक ही घर में 133 मतदातावार्ड क्रमांक 2, भाग 2 के ब्रह़मपुरी क्षेत्र गृह क्रमांक 397 में 133मतदाता हैं। इस घर में रहने वाले मतदाताओं की उम्र 42 वर्ष से 19 वर्ष तकहै। इनमें 42 वर्ष के दो, 41 वर्ष के 11, 40 वर्ष के 5, 39 वर्ष के 6, 38वर्ष के 12, 36 वर्ष के 4, 35 वर्ष के तीन, 34 वर्ष के तीन, 33 वर्ष के3, 32 वर्ष के 3, 31 वर्ष के 19, 29 वर्ष के 4, 28 वर्ष के 5, 27 वर्ष के3, 26 वर्ष के 12, 25 वर्ष के 11, 24 वर्ष के 15 मतदाता हैं। इन मतदाताओंकी आयु घटते क्रम में दी गई है।
इसी तरह वार्ड क्रमांक 4 भाग 2, गृह क्रमांक 155/1 में 85 सदस्य हैं,जिसमें 33 वर्ष से लेकर 18 वर्ष के मतदाता घटती आयु क्रम में दिए गए है,जिसमें 33 वर्ष के 6, 32 वर्ष के 14, 31 वर्ष के 8, 30 के 4, 29 वर्ष के10, 28 वर्ष के 13, 26 वर्ष के 6, 25 वर्ष के 5, 24 वर्ष के 10 मतदाताहैं।
वार्ड क्रमांक 4 के भाग 1 में भी इसी तरह के मतदाता हैं, जिनमें भीमतदाताओं की उम्र घटती आयु क्रम में दी गई है।
विश्व की सबसे अधिक उम्र की मतदाता सीहोर मेंहाल ही में प्रकाशित की गई इस मतदाता सूची के अनुसार वार्ड क्रमांक 4 भाग1 मतदाता क्रमांक 116 प्रिया/ महेंद्र कुमार ऐसी महिला मतदाता हैं जिनकीउम्र 250 वर्ष है।
इसी तरह अन्य वार्डों में सूचियों को अगर बारीकी से देखें तो कहीं एक हीनाम के दो या अधिक मतदाता जिनकी आयु भी समान है या एक ही पिता की अनेकसंतानें एक ही उम्र की हैं।
इस संबंध में जब कलेक्टर संदीप यादव चर्चा करना चाहा तो उन्होने कहाकि आप अब जाग रहे हो अब कुछ नही हो सकता आपको दावा आपित्त के समय हीबताना चाहिए था।जब मतदाता सूची के मुद्रक एस आर कम्प्यूटर के मालिक श्री संजय खरे सेबात की गई तो उन्होने कहा कि हमारे पास प्रिटिग से पहले प्रूफ रीडिगके लिए दी गई प्रतियां उपलब्ध है हमें प्रूफ रीडिग पश्चात जोप्रतियां मिली उसी के अनुसार हमनें मतदाता सूचियां प्रिट कर दी
Tuesday, December 28, 2010
Friday, December 3, 2010
अब वह भी रहेंगे अपडेट
सीहोर। देश विदेश के ताजातरीन समाचारों और साहित्य, फिल्मजगत विज्ञान, वर्तमान अर्थव्यवस्था, राजनैतिक गातिविधियां, समाजिक कार्यो,अपराध जगत के हाल और विभिन्न जानकारियों से आमजनमानस को समय पर अवगत कराने के लिए नगर पालिका अध्यक्ष राकेश राय ने सराहनीय पहल की है। शुक्रवार को नगर पालिका ने मंडी क्षेत्र में वर्तमान प्रतिभाओं को पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराने के लिए पुस्तकालय आरम्भ कर दिया है।जानकारी के अनुसार मंडी क्षेत्र में रेल्वे गेट के पास नगर पालिका ने पुस्तकालय खोला है, अध्यक्ष राकेश राय के इस प्रयास से पुस्तकालय में रोजाना ही हर आम और खास व्यक्ति के लिए अधिकांश पत्र पत्रिकाऐं उपलब्ध रहेंगी जिससें वह प्रतिभाऐं ज्यादा लाभांवित होंगी जो आर्थिक रूप से परेशानी के कारण समाचार पत्र पढ़ नही पाते है। शुभारम्भ के अवसर पर पार्षद रामप्रकाश चौधरी, नरेश राय, जिला कांग्रेस महामंत्री धर्मेन्द्र यादव, सचिव अशफाक खान, युवा कांग्रेस जिला अध्यक्ष राजकुमार जायसवाल,मीडिया प्रभारी महेन्द्र मनकी ठाकुर, पार्षद मनोज गुजराती, हिरदेश राठौर, राजीव गुजराती, पंकज गुप्ता, संजय राय बाबा, अरूण राय, संदीप राय, घनश्याम यादव, नवाब मुनव्वर खान, कपिल सूर्यवंशी, राशिद मंसूरी, मो शाकिर, प्रताप पंवार, मुकेश राय, दीपक बोयत, सहित मंडी क्षेत्र के कांग्रेसजन उपस्थित रहे।इस अवसर पर नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष राकेश राय का पार्षद रामप्रकाश चौधरी सहित मनोहर वर्मा, महेन्द्र पंवार, अमित अग्रवाल, जितेन्द्र राठौर, विमल राय, अरविन्द वर्मा, प्रवीण राठौर आदि ने स्वागत किया। शुभारम्भ अवसर पर श्री राय ने कहा की किताबें सभी के जीवन में महत्वपूर्ण होती है जो हमारा ज्ञानवर्धन करती है और जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों में सभी का मार्गदर्शन करती है इसलिए सभी को शिक्षा का मार्ग खुद भी अपनाना चाहिए साथ ही अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। रोजाना समाचार पत्र पढने की सभी लोग आदत डाल ले तो वह हमेशा वर्तमान से रूबरू रहेगे। अच्छे जनप्रतिनिधि की पहचानकई बार चुनाव के दौरान यह सवाल आमजनमानस के मन में उठता है की सच्चा और ईमानदार जनप्रनिधि की पहचान क्या होती है। तब हर किसी के सामने एक ही अक्स उभरता है जो निश्चित तौर पर नपाध्यक्ष राकेश राय का होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उन्होनें पांच साल पहले चुनाव लडते समय राकेश राय ने जो वायदे लोगों से किए थे वह उन्होनें पूरे कर दिए है। शहर में पार्षदों एवं गणमान्य नागरिकों की मांग पर पांच करोड के विकास कार्य कराऐं गए। हर समस्या का स्थायी हल निकाला गया। दशकों से नगर पेयजल संकट का सामना करता रहा किसी ने भी पक्का हल नही खोजा था। तब हर साल सामने आ रही गम्भीर समस्या को देखते हुए श्री राय ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पचौरी के प्रयासों ने केन्द्र सरकार से 14 करोड़ की यूआईडीएसएसएमटी योजना कि न केवल स्वीकृति कराई बल्कि पावर हाउस चौराहा, गंगा आश्रम और भोपाल नाके पर पानी की नई टंकी बनने और जमोनिया तालाब से पाईप लाईन बिछाने कार्य शुरू करवा दिया है। मंडी में 8 साल पहले धराशायी हुई पानी की टंकी को श्री राय ने प्राथमिकता से पूरा कराया साथ ही गंज में नई पानी की टंकी बनवाई अब सड़कों का चौडीकरण और फिर डामरीकरण का कार्य प्रगति पर है। उल्लेखनीय है कि शहर में विकास कार्यो के तेजी से होने और बस स्टैंड पर निर्माण कार्य होने से लोगों को सुविधा हो गई है वार्ड भ्रमण के दौरान श्री राय का जोरदार और ऐतिहासिक स्वागत हो रहा है।
Saturday, November 27, 2010
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृह ग्राम किसी परिचय का मोहताज नहींसीहोर जिले ने दिया मध्यप्रदेश को नेतृत्व
महेन्द्र ठाकुर, सीहोर नर्मदा के मुख्य तट पर बसा ग्राम जैत आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है। पूर्वी छोर पर बसे इस गांव ने उस नेतृत्व को जन्म दिया, जिसने प्रदेश की तकदीर और तस्वीर दोनों बदल दी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस छोटे से गांव में जन्म लिया, यहीं खेले और आरंभिक शिक्षा प्राप्त की। धार्मिक आस्थाओं में विश्वास रखने वाले और मां नर्मदा के भक्त श्री चौहान ने नर्मदा घाटों का पुर्नउद्धार कर गांव के विकास को शुरूआत दी। यहां सड़क बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया। पौने बारह सौ की आबादी वाला गांव जैत आज अपनी किस्मत पर जरूर गर्व करता होगा। गांव में तो विभिन्न जाति, वर्ग और धर्म के लोग निवास करते हैं, पर यहां चौहान वर्ग का बाहुल्य है, जो मुख्यत: कृषि कार्य ये जुड़ा है। श्री चौहान ने मुख्यमंत्री बनते ही पहले तो प्रदेश की ओर ध्यान दिया, फिर पीछे मुड़कर देखा अपने गांव जैत की तरफ शायद उन्हें लगा कि उनके मुख्यमंत्री बनने से गांव के लोगों की उम्मीदों को पंख लग गए हंै। आज गांव चारों तरफ से पक्की सड़कों से जुड़ चुका है। मछवाई से जैत और डोबी से जैत यह दोनों सड़कें डामर रोड बन चुके हैं। जो जैत गांव को मुख्य मार्ग से जोड़ते हैं। संवाददाता महेन्द्र ठाकुर द्वारा एकत्र जानकारी के अनुसार अब आधा घंटे का सफर सात मिनट में संभव है। सरदारनगर से जैत और नारायणपुर नांदनेर मार्ग भी लगभग तैयार है। यहां श्री चौहान कभी धूल और कीचड़ से सनी गलियों में खेला कूदा करते थे, वहां अब सीसी रोड है। पहले यहां केवल एक प्रायमरी स्कूल था। अब चमचमाती बिल्डिंग में 11 वीं तक की शिक्षा बच्चे ग्रहण कर रहे हैं। जहां लोग नर्मदा स्नान कर पानी नदी से लाते थे अब घर बैठे नलजल योजना से पानी मिल रहा है। सेवा सहकारी समिति, आंगनवाड़ी, हेल्थ सेंटर सहजता से सुलभ हैं। मछली पालन करने वाले अधिक रहते हैं, इसलिए मछुआ भवन बनवाया जा रहा है तथा कृषक भवन भी बनेगा। गौरतलब है कि नर्मदा तट शाम ढलते ही यहां अंधेरे से घिर जाता था, वहीं अब इस घाट की शाम सौर ऊर्जा की रोशनी से नहा उठाती है, अब लोग बिना किसी भय के देर शाम तक नर्मदा स्नान कर सकते हैं। अभी यहां विदेशी प्रवासी पक्षी भी अपना डेरा जमाते हैं, जिससे नर्मदा की शोभा और भी द्विगुणीत हो उठती है। 2008 में इस गांव में लोकरंजन जैसा प्रतिष्ठापूर्ण सात दिवसीय सांस्कृति आयोजन हो चुका है।भाजपा मना रही है गौरव दिवस- सीएम के ग्राम में बन गई पक्की सड़कें। - बड़ा सांस्कृति कार्यक्रम का हुआ आयोजन।- नर्मदा तट सौर ऊर्जा की रोशनी से नहाया। - शिक्षा का स्तर जैत में काफी बढ़ा।- जैत को भी होगा किस्मत पर गर्व।पांच साल पहले मध्यप्रदेश को सीहोर जिले ने नेतृत्व दिया, उसी का सुखद परिणाम है कि प्रदेश विकास की ओर अग्रसर है तथा किसी भी मायने में पीछे नहीं है। अब श्री चौहान का गृह ग्राम जैत भी मुख्यधारा से जुड़कर विकास की ओर कदम बढ़ा रहा है।
पुलिस कर्मियों ने बच्चे को हथकड़ी लगाई
सीहोर खेलने-कूदने और पढ़ने की उम्र में कई बच्चे अपराध का रास्ता अख्तियार कर रहे हैं। जिस तेजी से नाबालिगों में अपराध की प्रवृत्ति बढ़ रही है, उससे न सिर्फ पुलिस की नींद उड़ गई है, बल्कि खुफिया तंत्र भी खासा चिंतित है। माता-पिता भी इसे लेकर बेहद परेशान हैं। पुलिस चाह कर भी अंकुश नहीं लगा पा रही। मनोचिकित्सक की मानें तो बच्चों में बढ़ रही आपराधिक प्रवृत्ति को समय रहते नहीं रोका गया तो परिणाम गंभीर हो सकते हैं। बुधवार को पुलिस कर्मियों ने एक बच्चे के हाथ में हथकड़ी डालकर जो जनचर्चा का विषय बना हुआ है। दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है। इस सम्बन्ध में पुलिस अधीक्षक केडी पाराशर का कहना है कि भौतिक चकाचौंध के कारण बच्चों में अपराध की भावना जगती है। बच्चे खासकर लूट, चोरी की वारदात कर अपनी आवश्कताओं की पूर्ति करने का प्रयास करते हैं। माता-पिता में बढ़ रहे झगड़ों के कारण भी बच्चों पर विपरीत असर पड़ता है। इस कारण भी वे अपराध का रास्ता पकड़ लेते हैं। बड़े-बुजुर्गों का मार्गदर्शन नहीं मिलना, बच्चों को नजर अंदाज करना भी बाल अपराध बढ़ा रहा है। उनका कहना है कि ऐसे मामले पुलिस के लिए भी मुश्किल खड़ी कर रहे हैं। मनोचिकित्सक का मतजिले में नाबालिगों में अपराध की भावना बढ़ने को लेकर संवाददाता महेन्द्र ठाकुर से चर्चा में मनोचिकित्सकों का कहना है कि कम हो रहे धार्मिक व नैतिक संस्कारों से ऐसा हो रहा है। साथ ही, भाग-दौड़ की जिंदगी के कारण अभिभावक बच्चों को समय नहीं दे पाते। ऐसे में बच्चों का ध्यान इस तरफ खिंच जाता है। समाज का बदलता ताना-बाना भी इसके लिए जिम्मेदार है। बच्चों में सफलता के शॉर्टकट अपनाने की भावना बढ़ने से वे अपराध की घटनाओं को अंजाम देते हैं। बच्चों की ऐसी गलतियों से परेशान माता-पिता अब बच्चों को लेकर मनोचिकित्सक के पास पहुंचने लगे हैं। अनेक लोगों का मानना है कि कुछ हद तक इसके लिए टीवी संस्कृति भी जिम्मेदार है। टीवी पर आपराधिक दृश्य देखकर बच्चों की मानसिकता उनकी नकल करने की होती है। परिणामस्वरूप बच्चों के आपराधिक वारदातों के मामले बढ़ रहे हैं। घर के बड़ों को बच्चों की पसंद पर नजर रखनी चाहिए।कहां है समाजसेवीसमय-समय पर शहर में समाजसेवी और विभिन्न राजनैतिक दल छोटे-छोटे मुद्दों को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन वास्तव में उन्हें हकीकत से कोई मतलब नहीं होता है। ताजा मामला तो इसी ओर इशारा कर रहा है। दो दिन हो गए हैं, इस मामले को, बच्चे को हथकड़ी लगाकर पुलिस कर्मियों ने घुमाया लेकिन कोई कार्रवाई अब नहीं हुई है। ऐसे रुक सकते हैं बाल अपराध- ऐसे रूक सकते हैं बाल अपराध - अभिभावक अपने बच्चों को समय दें।- बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखें।- बच्चों को धार्मिक व नैतिक संस्कारों का ज्ञान दिया जाए।- माता-पिता अपने झगड़े बच्चों से दूर रखें।- बच्चों को नजरअंदाज नहीं करें।- बड़े-बुजुर्गो का सानिध्य मिले।
यहां संप्रेषण गृह नहीं है, बाहर के पुलिस कर्मियों ने बच्चे को हथकड़ी लगाई होगी।केडी पाराशर, पुलिस अधीक्षक
यहां संप्रेषण गृह नहीं है, बाहर के पुलिस कर्मियों ने बच्चे को हथकड़ी लगाई होगी।केडी पाराशर, पुलिस अधीक्षक
Friday, November 26, 2010
BREAKING NEWS
Monday, November 22, 2010
मंगल पांडे का नाम, लेकिन चैनसिंह का नही
महेन्द्र ठाकुर, सीहोर।
देश की आजादी की लड़ाई में शहर का भी अपना योगदान रहा हैं मगर उस योगदान को तवज्जों नहीं मिल पा रही है। देश को आजाद हुए एक दशक से अधिक का म्समय हो चुका है लेकिन चैन सिंह की छतरी आज भी शासकिाय आयोजनों की बाट जोह रही है।
जी हां देश में जब अंग्रेजी कुशासन का दौर चल रहा था तब उन्हें सीधे-सीधे चुनौती देने एवं ललकारने का साहस सीहोर की धरती पर कुंवर चैनसिंह ने दिखाया। उन्होंने अपने साथियों के साथ फिररंगियों से लोहा लिया उन्हें नाको चने चबवाएं, लेकिन अंत में वह वीरगति को प्राप्त हुए। यह विडम्बना यह है कि देश में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ पहली सशस्त्र क्रांति का शहीद मंगल पांडे को माना जाता है। मगर कुंवर चैनसिंह की शहदत को प्रमाणित दस्तावेजों के बाद भी नजर अंदाज किया जा रहा है। अंग्रेज परस्त, भोपाल नवाब बेगम सिकन्दर जहां सन 1844 से 1868 तक के शासनकाल में 6 अगस्त को सीहोर की अंग्रेज छावनी में हुए सशस्त्र सैनिक विद्रोह की गाथा सीहोर के गर्वीले सीने पर अंकित बलिदान की अमर दोस्ती है, लेकिन खेद है कि प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम 1857 के इतिहास में सीहोर के इस रक्त रंजित विद्रोह की क्रांति गाथा की सदैव से उपेक्षा की जाती रही है, जबकि यह सम्मान केवल सीहोर को मिलना चाहिए कि यहां के बहादुर राष्ट्र भक्त विद्रोही सिपाहियों ने गुलाम भारत की पहली स्वतंत्र सरकार की सिपाही बहादुर सरकार के नाम से सीहोर में स्थापना की थी और उनकी क्रांति पताकाएं हिन्दु मुस्लिम एकता को प्रतीक बनकर, निशान ए मोहम्मदी और निशान ए महावीरों के नाम से एक साथ सीहोर कोतवाली और कस्बा स्थित पुरानी निजामत पर फहराती रही। 10 मई 1857 की मेरठ उप्र से शुरू हुए अंग्रेजों के विरूद्ध सशस्त्र विद्रोह की क्रांतिकारी गर्म हवाओं ने मध्य भारत में सर्वप्रथम 3 जून 1857 को नीचम से प्रवेश किया। क्रांति की अंग्रेय शिखाएं जल्दी ही इंदौर जा पहुंची। एक जुलाई 1857 को इंदौर रेसीडेंसी से विद्रोह की लपटें उठने लगी। उसी समय कर्नल डयेरेन्ड इंदौर रेसीडेंसी छोडकऱ 16 अंग्रेज असफरों के साथ जान बचाकर देवास के रास्ते सीहोर भाग आया था। यह घटना 4 जुलाई 1857 को सीहोर छावनी में सुलग रही क्रांति की चिंगारी का आभास होते ही 20 वफादार सैनिकों के साथ सीहोर से भाग खड़ा हुआ था। उस समय सीहोर में केवल 23 अंग्रेज अफसर और उनके परिवार रह रहे थे, जिन्हें अंग्रेज परस्त भोपाल नबाव बेगम सिकन्दर जहां की भोपाल बटालियन की अभिरक्षा में सीहोर से सुरक्षित होशंगाबाद पहुंचा दिया गया था। अंग्रेज पोलिटिकल एजेन्ट मेजर रिचर्डस के पलायन से भोपाल कटिन्जेंट के सैनिकों के हौंसले बुलंद थे। भारत को अंगे्रजों की गुलामी से मुक्त कराने का उद्घोष सबसे पहले निकटवर्ती गांव जमोनिया के राव रणजीत सिंह को सुनाई दिया। ग्राम चांदबड़ के ठाकुर गोवर्धन सिंह गांवों में आजादी का अलेख जगाने में लगे थे फिर क्या था सीहोर के आसपास के ग्रामीण अंचलों के नौजवान उठ खड़े हुए। 14 जुलाई 1857 को सजात सखान के नेतृत्व में पिण्डारियों ने असिस्टेंट पोलिटिकल एजेंट के बैरसिया स्थित कार्यालय तथा ट्रेजरी खजाने पर हमला बोलकर खजाना लूट लिया। 6 अगस्त 1857 को सीहोर छावनी में घुड़ सवारी के रिसालदार मोहम्मद अली खान ने खुलेआम विद्रोह कर छावनी में लगे अंग्रेजों के झण्डे को उतार फेंका और भोपाल कांटिनजेंट के दौर अधिकारियों रिसालेदार वाली शाह और महावीर कोठा लारा बनाए गए सैनिक क्रांति के प्रतीक दो झण्डे एक हरे रंग का और दूसरा भगवा ध्वज जिन्हें वे निशान-ए-मोहम्मदी और निशान-ए-महावीरी कहते थे, महावीर कोठा और रज्जूलाल ने फहरा दिया। अंग्रेजों ने बाद में इन दोनों देश भक्तों महावीर और रज्जूलाल को अंग्रेज ध्वज उतारने और भारतीय ध्वज फहराने के अपराध में गोलियों से भून डाला। सीहोर कोतवाली में पदस्थ पुलिस अधिकारी छावनी के विद्रोही सिपाहियों के आतंक से आतंकित होकर कोतवाली छोडकऱ भाग खड़ा हुआ था। उन दिनां सीहोर सैनिक छावनी के विद्रोह सैनिकों की सिपाही बहादुर सरकार कोतवाली पर काबिज रही, पोलिटिकल एजेंट कार्यालय एवं निवास वतर्मान कलेक्ट्रेट अंग्रेजों के बंगले जंगली अहाता स्थित चर्च ओर पोस्ट आफिस विद्रोहियों के आधिपत्य में रहे। सीहोर के सम्पूर्ण केन्टोमेंट इलाके पर नवम्बर 1857 तक विद्रोहियों की सिपाही बहादुर सरकार का कब्जा रहा। लगभग पांच महीने तक सीहोर छावनी स्वतंत्र रही। परिणामस्वयप सर ह्यूरोज ओर सर राबर्ट हामिल्टन को महू से सेंट्रल इंडिया फील्ड फोर्स के साथ 6 जनवरी 1858 को सीहोर कूच करने का हुक्म मिला। सर ह्यूरोज दल बल और तोपखाना लेकर 8 जनवरी 1858 को सीहोर आ गया। सीहोर आकर ह्यूरोज ने बड़ी निर्ममता से 149 विद्रोही सिपाहियों को पकडकर उन्हें पलटन एरिए में पंक्तिबद्ध खड़े कर 15 जनवरी 1858 को गोलियों से भून डाला। सैनिक जमादार इनायत हुसैन खां को तोप के मुंह से बांधकर उड़ा दिया। उस दिन सीवन नदी सिर धुनती रही। उसका पानी देशभक्तों के खून से लाल हो गया था। इससे पहले 6 अगस्त को बहुत से देशभक्त सीवन की लहरों में समा गए थे। गोरे जालिमों ने देशभर में विद्रोही सिपाहियों की टुकड़े-टुकड़े कर फेंक दिया था, कई सौ देश भक्तों का गर्म खून इस सीहोर की मिट्टी में समाया हुआ है। सन 1908 में प्रकाशित भोपाल स्टेट गजेटियर में उल्लेखित सीहोर के दशहरा बाग में अंग्रेजों और तत्कालीन नरसिंहगढ़ रियासत के कुंवर चैनसिंह के बीच हुई लड़ाई को तथ्यांकित करती है। भोपाल स्टेट गजेटियर के इस अंश के अनुसार सन 1857 के सीहोर सैनिक छावनी विद्रोह 6 अगस्त 1857 के 33 वर्ष पहले नरसिंहगढ़ रियासत के राजकुंवर चैनसिंह ने अंग्रेजों से लोहा लिया था। हालांकि कुंवर चैनसिंह अंग्रेजों से हुए इस युद्ध में हार गए थे और उन्हें 24 जून 1824 को अपने 43 विश्वस्त साथियों के साथ सीहोर के दशहरा वाले बाग के मैदान में मौत को गले लगाना पड़ा, कुंवर चैनसिंह ओर उनके साथियों की इस शहादत का अपना महत्व है। 1824 की यह घटना नरसिंहगढ़ रियासत के युवराज कुंवर चैनसिंह को इस अंचल के पहले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के रूप में प्रतिष्ठित करती है। इस संदर्भ में यह भी उल्लेख करना जरूरी है कि भोपाल नवाब नजर मोहम्मद खां जिन्हें नजर उद्दोला व नजर खान भी कहते हैं सन 1818 में ईस्ट इंडिया कंपनी के कैप्टन स्टुवर्ड के साथ रायसेन में एक दुरभि संधि की थी, जिसे रायसेन समझौता भी कहा जाता है। इस संधि के आधार पर ही अंग्रेजों ने सन 1818 में सीहोर को अपनी सैन्य छावनी का रूप दिया। मिस्टर मेडांक अंग्रेजों के प्रथम राजनैतिक प्रतिनिधि की हैसियत से इसी वर्ष सीहोर आए। मि. मेडांक के अंतर्गत भोपाल नवाब की फौज एक हजार सैनिक 600 घुड़सवार एवं 400 सैनिक सीहोर में भोपाल बटालियन के नाम से तैनात किए गए, जिन्हें भोपाल खजाने से वेतन दिया जाता था, लेकिन नियंत्रण इस्ट इंडिया कंपनी के राजनैतिक प्रतिनिधि के हाथ में था। अंग्रेजों ओर कुंवर चैनसिंह के विवाद की पृष्ठभूमि समझने के लिए तत्कालीन नरसिंहगढ़ रियासत में अंदरूनी हालातों की चर्चा करना भी यहां जरूरी है। अंग्रेजों ने अपनी साम्राज्यवादी लिप्सा के वशीभूत होकर नरसिंहगढ़ रियासत से तत्कालीन महामंत्री आनंदराम बश्खी को प्रलोभन देकर अपनी और मिला लिया था, ताकि बख्शी के माध्यम से उन्हें नरसिंहगढ़ राज्य परिवार को गुप्त जानकारियां मिलती रहें। कुंवर चैनसिंह को जब विश्वासघाती मंत्री की कार गुजारियों का पता चला तो उन्होंने अपने पिता के विरोध के बावजूद बख्ती को मौत के घाट उतार दिया। इंदौर के होल्कर राजा लारा अंग्रेजों के विरूद्ध मध्य भारत के देशी रजवाड़ों की बैठक बुलाने ओर उसमें कुंवर चैनसिंह के भाग लेने की जानकारी अंग्रेजों के सीहोर स्थित पोलिटेकिल एजेंट मि. मेडांक को नरसिंहगढ़ रियासत के एक अन्य मंत्री रूपराम बोहरा ने दी थी, कुंवर चैनसिंह ने उसे इस कृत्य की सजा भी मौत के घाट उतार कर दी। अंग्रेज यह कैसे बर्दाश्त करते कि एक देशी रियासत का राजकुंवर चैनसिंह एक के बाद एक अपराध करते रहे ओर अंग्रेजों के विरूद्ध होने वाली साजिशों में शामिल रहे। परिणामस्वरूप कुंवर चैनसिंह के संबंध में सीहोर स्थित पोलिटिकल एजेंट ने कलकत्ता स्थित गर्वनर जनरल को शिकायती पत्र लिखकर सारे घटनाक्रम की जानकारी भेजी। कहते हैं कि कुंवर चेनसिंह नरसिंहगढ़ से अपने विश्वस्त साथी नरसिंहगढ़ से अपने विश्वस्त साथी सारंगपुर निवासी हिम्मत खां और बहादुर खां सहित सैनिकों की टुकड़ी के साथ सीहोर आए थे, जहां अंग्रेज पोलिटिकल एजेंट सीहोर की वतर्मान कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में कुंवर चैनसिंह और मि. मेडांक का आमना सामना हुआ। लोक श्रुति के अनुसार मेडांक ने चैनसिंह की तलवार की प्रशंसा करते हुए उनसे देखने के लिए उनकी तलवार मांगी। कुंवर चैनसिंह द्वारा एक तलवार दे देने पर मि. मेडांक ने दूसरी तलवार देखने की इच्छा व्यक्त की। संभवत: कुंवर चैनसिंह अंगे्रजों की साजिश को भांप गए और उन्होंने अपनी दूसरी तलवार यह कह कर नहीं दी कि राजपूत की कमर शस्त्रविहिन नहीं रहती। मेडांक ने बिना समय गवांए चैनसिंह को बंदी बनाने का आदेश दे दिया। जिसकी प्रतिक्रिया यह हुई कि कुंवर चैनसिंह ने अपनी तलवार खींच ली ओर वे लड़ते हुए सभाकक्ष से बाहर आए और वहां खड़े घोड़े पर सवार होकर साथियों के साथ चल दिए। सीहोर के वतर्मान तहसील चौराहे पर बताते है कुंवर चैनसिंह के साथियों ओर अंग्रेजों के बीच जमकर संघर्ष हुआ एक ओर कुंवर चैनसिंह के साथ मु_ी पर विश्वस्त साथी थे तो दूसरी और शस्त्रों से सुसज्जित अंग्रेजों की फौज। घंटों की लड़ाई में अंगे्रजों के तोपखाने ओर बंदूकों के सामने कुंवर चैनसिंह के जांबाज लड़ाके खेत रहे। कुंवर चेनसिंह के अंगरक्षक बने विश्वस्त साथी हिम्मत खां व बहादुर खां अपनी जान पर खेलकर उन्हें बचाए रहे। चैनसिंह को लोटिया पुल के पास पुन: अंंगे्रजों ने घेर लिया, वहां कुंवर चैनसिंह ओर हिम्मत खां और बहादुर खां के साथ बचे-खुचे मु_ी भर सैनिकों ने जमकर मोर्चा लिया। कुंवर चैनसिंह की बहादुरी देखकर मि. मेडांक हतप्रद था। अंग्रेजों की फौज के मुकाबले कुंवर चैनसिंह भारी पड़ रहे थे, लोटिया पुल पर आकर स्थानीय दशहरा वाले मैदान कहे जाने वाले क्षेत्र में कुंवर चैनसिंह हिम्मत खां और बहादुर खां ने अंग्रेजों के विरूद्ध अंतिम सांस तक संघर्ष किया। जानकारी के अनुसार शहर में देश के पहले शहीद की निशानी चैनसिंह की छतरी स्थित है और वहां पर शासकीय स्तर पर नियमित आयोजन नहीं होते हैं। बहरहाल बात जो भी हो यह स्पष्ट है कि मंगल पाण्डे से अंग्रेजों कुशासन के विरूद्ध कुंवर चैनसिंह ने न केवल पहले आवाज उठाई बल्कि उनसे टकराकर अपने प्राण भी मातृभूमि के लिए न्यौछावर कर दिए, लेकिन न जाने क्यों देश में मंगल पांडे का नाम तो लिया जा रहा और चैनसिंह को नजर अंदाज किया जा रहा है। देश प्रेम का जिनमें जज्बा होता है उनके लिए यह पक्तिंया सटीक है।
खिदमते मुल्क में जो भी मर जाएंगे, वो अमर नाम दुनिया में कर जाएंगे।
यह न पूछो की मरकर किधर जाएंगे, वो जिधर भेज देगा उधर जाएंगे।
Sunday, November 7, 2010
मुख्यमंत्री अपने गांव में अपनों के बीच
सीहोर। हर वर्ष की तरह इस बार भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भाई दूज का त्यौहार मनाने अपने गांव जैत पहुंचे। क्षेत्रवासी इस बात को लेकर खासे उत्साहित थे कि मुख्यमंत्री भाई दूज की पूर्व संध्या पर ही जैत पहुंच गए। मुख्यमंत्री ने यहां पूरे विधि विधान से भाई दूज की परंपराओं का निर्वाह किया और ग्रामवासियों से स्नेहपूर्वक मिलकर दीपावली की शुभ कामनाओं का आदान-प्रदान किया। उनके साथ उनका परिवार भी जैत पहुंचा। धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह तथा पुत्र कुणाल और कातिर्केय भी मुख्यमंत्री के साथ थे।मार्ग में श्री चौहान का जैत के रास्ते में पड़ने वाले नगर शाहगंज और डोबी में भावपूर्ण स्वागत किया गया। शाहगंज में माकर्फेड अध्यक्ष रमाकांत भार्गव, वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह राजपूत, सलकनपुर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महेश उपाध्याय सहित अनेक पार्टी कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री की अगवानी कर उनका पुष्पहारों से स्वागत किया। यहां दीपावली की शुभकामनाओं का आदान-प्रदान कर मुख्य मंत्री आगे बढ़े तो ग्राम डोबी में जिला पंचायत अध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह चौहान के नेतृत्व में अनेक जन प्रतिनिधियों एवं ग्रामवासियों ने मुख्यमंत्री का गर्म जोशी से स्वागत किया और एक दूसरे को दीपावली की शुभकामनाएं दी।अपने गांव में अपनों के बीच जैत पहुंचते ही मुख्यमंत्री ने ग्राम में सर्वप्रथम ग्राम देवता को नमन किया और श्री हनुमान जी के मंदिर में मस्तक नवाया और फिर वे जा बैठे मिलने वालों के बीच जहां दीपावली की हार्दिक शुभकामनाओं के आदान प्रदान के बीच सुख - दुख की बातें हुई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से क्षेत्रीय गतिविधियों की जानकारी ली।क्षेत्र के विकास की चिन्ता त्यौहार के इस माहौल में भी मुख्य मंत्री क्षेत्र के विकास की बात करना नहीं भूले। उन्होंने सड़क, बिजली, पानी जैसे मुद्दों पर ग्रामीणों सहित अधिकारियों से व्यापक चर्चा की। ग्रामीणों लारा रिछोड़ा, बासगेहन और गादर की सड़कों के बदहाल होने और शाहगंज - डहोटा मार्ग का कार्य गुणवत्तापूर्ण नहीं होने की जानकारी मुख्यमंत्री को दी जिस पर वे थोड़े असहज नजर आए और उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को हिदायत दी कि काम ठीक से किए जांय। खासकर कार्यों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाय। जिला पंचायत अध्यक्ष श्री धर्मेन्द्र सिंह चौहान ने भी सड़क कार्यों को लेकर अप्रसन्नता व्यक्त की।रोशनी के रंग बिखरे मुख्यमंत्री के जैत पहुंचने पर उनके परिवार ने भी ग्रामीणों से घुल-मिलकर एक दूसरे को दीप पर्व की शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री के दोनों पुत्रों कुणाल और कातिर्केय ने ग्रामीण बच्चों के साथ बाल शुलभ अंदाज में आतिशबाजी चलाई और देखते ही देखते जैत का आकाश रंगीन आतिशबाजी से नहा उठा।
परंपराओं का निर्वाह भाई दूज की प्रात: मुख्यमंत्री ने नमर्दा स्नान कर माँ नमर्दे की पूजा अचर्ना की। त्यौहार की परंपराओं के अनुरूप पैत्रक निवास पर पूजा अचर्ना कर अन्य धार्मिक रीति रिवाज पूरे किए।जागा मछुआरों का भाग्य भाई दूज का त्यौहार मछुआरों के लिए तब शुभ साबित हो गया जब मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह ने यहां के 16 मछुआ परिवारों को 40 - 40 हजार की लागत से निर्मित डोंगिया प्रदान की। मछुआरों को यह डोंगिया स्वर्ण जयन्ती योजना के तहत प्रदान की गई। उनके अलावा अन्य परिवारों को भी डोंगिया प्रदान किया जाना सुनिश्चित किया गया है जिसमें स्व-सहायता समूह से जुड़ें 41 परिवारों को भी डोगियां प्रदान की जांयगी।बीमारों को मिली इलाज की सुविधा मुख्यमंत्री ने यहां बद्री लुकवा को 50 हजार और नारायणपुर निवासी छोटीबाई पन्नालाल को बीमारी के इलाज के लिए 10 हजार रूपये की राशि प्रदान की वहीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए कि वे टीकाराम नंदलाल केवट का इलाज कराएं और उसे कृत्रिम हाथ लगवाएं। इस अवसर पर माकर्फेड अध्यक्ष श्री रमाकांत भार्गव, वेयर हाउसिंग कार्पोंरेशन के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह राजपूत, सलकनपुर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महेश उपाध्याय, जिला पंचायत अध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह चौहान, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष बुधनी आजाद सिंह राजपूत, भाजपा जिला महामंत्री श्री वीरसिंह चौहान, अनंत सिंह, लाल सिंह, श्री महेन्द्र भाऊ, श्री यशवन्त सिंह, श्री विजय सिंह टेकरी और श्री रेवेन्द्र पटेल सहित बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री की नाराजी मुख्यमंत्री बिजली और बारना परियोजना के अधिकारियों से खफा नजर आए और उन्होंने यह साफतौर पर कहा कि बताए गए काम में लैतलाली बरतना इन विभागों के अधिकारियों को महंगा पड जायगा। हुआ यह कि जब मुख्यमंत्री ग्रामीणों से क्षेत्र की स्थिति पर चर्चा कर रहे थे तो ग्रामीणों ने बारना नहरों की ठीक तरह सफाई न होंने और टेल एरिया के किसानों को पानी नहीं मिलने की मुख्य मंत्री से शिकायत की। इसी तरह बिजली विभाग की लापरवाही को भी ग्रामीणों ने उजागर किया। मुख्यमंत्री ने इस स्थिति पर खासा एतराज जताया और कहा कि अधिकारी हालातों को तत्परता से दुरूस्त कर लें अन्यथा उनके खिलाफ तगड़ा एक्शन लिया जायगा। इस मौके पर कलेक्टर संदीप यादव और पुलिस अधीक्षक केडी पाराशर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे। किसान भवन बनेगा भाई दूज के शुभ अवसर पर मुख्यमंत्री ने अपने गांव जैत को किसान भवन देने की घोषणा की। उन्होंने किसान भवन की मंजूरी देते हुए कहा कि जैत में शीध्र ही किसान भवन बनकर तैयार होगा। इसी तरह उन्होंने ग्राम खैरी सिलगैना में भी मंगल भवन बनाए जाने को मंजूरी दी।
Friday, October 29, 2010
खेल परिसर निर्माण के लिए 1.40 करोड़ की मंजूरी
सीहोर :शासन ने सीहोर जिले में तीन खेल परिसरों के निर्माण के लिए एक करोड़ 40 लाख रूपये की राशि मंजूर की वहीं 20.014 हैक्टेयर जमीन भी खेल विभाग के नाम कर दी है। मंजूरशुदा राशि से बुधनी, नसरूल्लागंज और रेंहटी में सर्वसुविधायुक्त खेल परिसरों का निर्माण किया जायगा। खेल एवं युवा कल्याण तथा पर्यटन मंत्री तुकोजीराव पवार ने बताया है कि सीहोर जिले के तहसील मुख्यालय बुधनी, नसरूल्लागंज और रेंहटी में खेल परिसर बनाने के लिए एक करोड़ 40 लाख रूपये मंजूर कर दिए गए हैं। मंजूर की गई इस राशि का उपयोग इन स्थानों पर सभी सुविधाओं से युक्त खेल परिसर निर्मित करने में किया जायगा। उन्होंने बताया कि खेल परिसर निर्माण के लिए 20.014 हैक्टेयर जमीन भी खेल विभाग को दे दी गई है। बुधनी में 7.83 एकड़, नसरूल्लागंज में 8.00 एकड़ और रेंहटी में 4.184 हैक्टेयर भूमि खेल एवं युवा कल्याण विभाग के नाम की गई है। श्री पवार ने बताया कि इन खेल परिसरों में हॉकी, बास्केटवॉल, व्हाली बॉल, कबड्डी और खो-खो के मैदान विकसित किए जांएगे वहीं 400 मीटर एथलेटिक ट्रेक के साथ ही जिम हॉल का निर्माण भी किया जायगा। उन्होंने बताया कि खेल परिसरों को खिलाड़ियों के अनुकूल बनाए रखने की व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की गई हैं। खेल परिसरों को सुरक्षित करने के लिए बाउंड्री बॉल का निर्माण किया जायगा। खेल परिसर में प्रबंधक कार्यालय और चौकीदार निवास भी बनाए जांएगे जिससे परिसर की ठीक तरह देखभाल हो सके। श्री पवार ने बताया कि खेल परिसरों में संविदा के आधार पर ग्राउंड्समेन तथा सुरक्षा और सफाई कर्मी नियुक्त किए जांएगे। प्रशिक्षकों की भी नियुक्ति की जाएगी जिससे खिलाड़ी अपनी खेल विधा का बेहतर प्रशिक्षण प्राप्त कर सकें। खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार खेलों के विकास को लेकर पूरी तरह गंभीर है। सरकार द्वारा वे सभी प्रयास किए जा रहे हैं जो बेहतर खिलाड़ी प्राप्त करने में मददगार हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों की ओर भी ध्यान दिया है जिससे ग्रामीण खेल प्रतिभाएं कुंठित न हों और ग्रामीण क्षेत्रों से भी बेहतर खिलाड़ी प्राप्त किए जा सकें।
खाद्यान्न खरीदी केन्द्र स्थापितसीहोर जिले में ज्वार, बाजरा और मक्का (मोटा अनाज) को समर्थन मूल्य पर खरीदने के लिए तीन खरीदी केन्द्र स्थापित किए गए हैं। इस सिलसिले में जिला आपूर्ति अधिकारी द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है। जिला आपूर्ति अधिकारी श्री शशिराज कपूर ने बताया कि खरीफ वर्ष 2010-11 में समर्थन मूल्य पर ज्वार, बाजरा और मक्का की खरीदी के लिए सहकारी समितियों के अधीन खरीदी केन्द्र स्थापित किए गए हैं। सीहोर तहसील में सेवा सहकारी समिति बिजोरी, आष्टा तहसील में सेवा सहकारी समिति बैदाखेड़ी और नसरूल्लागंज तहसील में सेवा सहकारी समिति राला में खरीदी केन्द्र स्थापित किए गए हैं। उक्त केन्द्रों के समिति प्रबंधकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे जिला प्रबंधक मध्यप्रदेश नागरिक आपूर्ति निगम सीहोर के निर्देशानुसार खरीदी के लिए अनुबंध निष्पादित करें।
नगणना के प्रति जागरूकता लाने में स्लोगन का इस्तेमालसीहोर जनगणना के प्रचार-प्रसार को व्यापक रूप देने के लिए अब इसमें 'लोगो' एवं 'स्लोगन' का इस्तेमाल किया जायगा। जनगणना कार्य निदेशालय द्वारा जनगणना,2011 के दूसरे चरण को कारगर बनाने के लिए उसके प्रचार-प्रसार में 'लोगो' एवं 'स्लोगन' का इस्तेमाल करना सुनिश्चित किया जा रहा है। इस सिलसिले में विभिन्न तरह के स्लोगन कलेक्टर एवं प्रमुख जनगणना अधिकारियों को उपलब्ध कराए गए है और साथ में कहा गया है कि इन स्लोगन्स का उपयोग शासकीय पत्राचार में किया जाय। स्लोगन्स को ''मध्यप्रदेश बनाओ'' अभियान से जोड़ने को भी उपयोगी बताया गया है। स्लोगन्स की बानगी1. मेरी गणना मेरा अधिकार, सही जनगणना सही विकास 2. जनगणना कराओ,मध्यप्रदेश बनाओ3. जन-जन की है यही पुकार, राष्ट्रीय पहचान पत्र हो आधार 4. जनगणना का शुभ संकल्प, विकास का एक मात्र विकल्प5. जनगणना का हर विचार, रचता है सुखमय संसार 6. जनगणना की यही आस, सही जानकारी सही विकास7. घर घर अलख जगाना है, गणना अपनी कराना है। 8 नई योजनाओं की शुआत करायें, अपनी जनगणना अवश्य कराये
गौरतलब है कि जनगणना,2011 के दूसरे चरण में जनसंख्या की गणना का कार्य नो से 28 फरवरी,2011 के बीच सम्पन्न होगा। कोई भी व्यक्ति जनगणना से नहीं छूटे और वह सही जानकारी दर्ज कराकर राष्ट्रीय महत्व के इस कार्य में अपना सहयोग दे। इसी बात के मद्देनजर इसके व्यापक प्रचार प्रसार की कवायद की जा रही है जिसमें लोगो और स्लोगन को शासकीय पत्राचार में उपयोग करने को कहा गया है। यहां उल्लेखनीय यह भी है कि जनगणना द्वारा इकट्ठा किए आंकड़ों का उपयोग केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं के निर्माण में तो किया ही जाता है, स्थानीय निकायों द्वारा नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने में भी इसका महत्वपूर्ण ''रोल'' होता है।
Sunday, October 24, 2010
Wednesday, October 13, 2010
Tuesday, October 5, 2010
YUVA CONGRESS KI MEMBER SHIP SURU
Monday, October 4, 2010
Friday, September 24, 2010
पूरे जिले में अगले आदेश तक धारा 144 लागू कर दी गई
शहर में चल रहे जिज्ञासा भरे माहौल में अयोध्या फैसला अगले आठ दिन के लिए टल जाने पर न केवल पुलिस जिला प्रशासन बल्कि आम जनता ने भी राहत की सांस ली। जिला मुख्यालय पर 24 सितम्बर को लेकर पिछले चार दिनों से जिज्ञासा भरा माहौल देखा जा रहा था। पुलिस और प्रशासन द्वारा एतिहायत के तौर पर व्यापक सुरक्षा के प्रबंध किए गए थे। वहीं सभी वर्गों के लोगों द्वारा शांति, सद्भाव के साथ रहने की अपील लगातार की जा रही थी। बुधवार और गुरूवार की दोपहर तक यह माहौल लगातार बना रहा। शुक्रवार को आने वाले निर्णय को लेकर अटकलों का दौर चल रहा था। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पिछले 24 घंटे में पुलिस प्रशासन द्वारा उठाए गए एतिहायत के कदमों के दौरान 3 स्थायी, 83 वारंटी तथा 30 आदतन अपराधियों के विरूद्ध कार्रवाई की गई। कई ऐसे लोग भी पुलिस की चपेट में आए, जो जुआ खेल रहे थे। सभी के विरूद्ध 107, 16 की कार्रवाई की गई। जिला प्रशासन द्वारा पूरे जिले में अगले आदेश तक धारा 144 लागू कर दी गई है। इस दौरान समूह बनाकर सार्वजनिक स्थानों पर खड़े रहने वाले लोगों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। साथ ही किसी प्रकार के सशस्त्र लेकर धूमने पर भी पाबंदी रहेगी। फैसले को देखते हुए जिला मुख्यालय पर आरएफ के 120 जवान, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के दौर अधिकारी, एसएएफ के जवानों की बटालियन भी विशेष रूप से बुलाई गई है। पुलिस अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार इस फोर्स को अगले एक सप्ताह तक यहीं रोके जाने का आग्रह मुख्यालय के अधिकारियों से किया जा रहा है। विभिन्न चौराहों पर पुलिस बल आज दिनभर तैनात रहा। पुलिस शांति-सद्भाव के लिए विभिन्न समुदाय के लोगों से चर्चारत रही।
Saturday, September 18, 2010
मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना
महेन्द्र सिंह ठाकुर,
सीहोरजिला मुख्यालय पर एक दंपत्ति एकता की मिसाल हंै, हिन्दू होते हुए भी पवित्र रमजान मास में रोजे रखकर देश की तरक्की और भाईचारे की भावना बढ़ाने के लिए दुआएं मांगते हैं। आज के समय में जब छोटी-छोटी बातों पर धर्म और जाति के आधार पर हिंसा हो जाती है, तब एक परिवार अपनी पवित्र भावना से एकता का वो संदेश दे रहा है, जो हर किसी के लिए प्रेरणा दायी है। जानकारी के अनुसार शहर के गंज क्षेत्र में रहने वाले रामप्रकाश नरोलिया और उनकी पत्नी जयश्री नरोलिया विगत कई वर्षों से पवित्र रमजान मास के चलते पूरी श्रद्धा के साथ रोजे रखते हैं। रामप्रकाश बताते हैं कि वह अपने विवाह के पहले से रोजे रखते हैं। जब उनका विवाह हो गया तो उनकी पत्नी भी रोजे रखने लगी। रामप्रकाश मस्जिद में जाकर नमाज भी अता करते हैं। पूरे नगर में रामप्रकाश नरोलिया और उनकी पत्नी जयश्री नरोलिया एकता की मिसाल के रूप में जाने जा रहे हैं। वहां है एकताभोपाल इंदौर राजमार्ग पर पचामा सोया संयंत्र के सामने स्थित दरगाह और माता जी के मंदिर में एकता का नजारा देखा जा सकता है। हर साल यहां विशाल भंडारा होता है। दरगाह और मंदिर की दीवार लगी हुई है। दूर से ही देखने में यह क्षेत्र एकता का प्रतीक नजर आता है। देश की खातिरदेश की स्वतंत्रता के लिए अंगे्रजों से लोहा लेते हुए शहीद कुंवर चैन सिंह की छतरी इंदौर नाके पास स्थित है, यहीं उनके अंगरक्षक हिम्मत खां और बहादुर खां की शहादत स्थली है। यहां हर स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर बड़ी संख्या में लोग पहुंच श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
सीहोरजिला मुख्यालय पर एक दंपत्ति एकता की मिसाल हंै, हिन्दू होते हुए भी पवित्र रमजान मास में रोजे रखकर देश की तरक्की और भाईचारे की भावना बढ़ाने के लिए दुआएं मांगते हैं। आज के समय में जब छोटी-छोटी बातों पर धर्म और जाति के आधार पर हिंसा हो जाती है, तब एक परिवार अपनी पवित्र भावना से एकता का वो संदेश दे रहा है, जो हर किसी के लिए प्रेरणा दायी है। जानकारी के अनुसार शहर के गंज क्षेत्र में रहने वाले रामप्रकाश नरोलिया और उनकी पत्नी जयश्री नरोलिया विगत कई वर्षों से पवित्र रमजान मास के चलते पूरी श्रद्धा के साथ रोजे रखते हैं। रामप्रकाश बताते हैं कि वह अपने विवाह के पहले से रोजे रखते हैं। जब उनका विवाह हो गया तो उनकी पत्नी भी रोजे रखने लगी। रामप्रकाश मस्जिद में जाकर नमाज भी अता करते हैं। पूरे नगर में रामप्रकाश नरोलिया और उनकी पत्नी जयश्री नरोलिया एकता की मिसाल के रूप में जाने जा रहे हैं। वहां है एकताभोपाल इंदौर राजमार्ग पर पचामा सोया संयंत्र के सामने स्थित दरगाह और माता जी के मंदिर में एकता का नजारा देखा जा सकता है। हर साल यहां विशाल भंडारा होता है। दरगाह और मंदिर की दीवार लगी हुई है। दूर से ही देखने में यह क्षेत्र एकता का प्रतीक नजर आता है। देश की खातिरदेश की स्वतंत्रता के लिए अंगे्रजों से लोहा लेते हुए शहीद कुंवर चैन सिंह की छतरी इंदौर नाके पास स्थित है, यहीं उनके अंगरक्षक हिम्मत खां और बहादुर खां की शहादत स्थली है। यहां हर स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर बड़ी संख्या में लोग पहुंच श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
आसपास के क्षेत्रों में मौसम पूर्वानुमान
सीहोर, दिनांक - 17.09.2010पिछले सप्ताह का मौसम - कृषि महाविद्यालय की मौसम बेद्यषाला की गणना के अनुसार पिछले सप्ताह ( 15 सितम्बर से 17 सितम्बर 2010 तक) कहीं कही आसमान साफ रहने तथा मध्यम घने बादल छाये रहे। दिन एवं रात्रि के तापमान में मामूली बढोतरी दर्ज की गई। अधिकतम तापमान 29.6 से 30.7ए न्यूनतम तापमान 21.0 से 23.0 डिग्री सेल्सियस रहा एवं वर्षा 17.0 मि.मी. रही। अभी तक की कुल वर्षा 554.7 मि. मी. रही। हवाओं की गति 5.5 से 7.88 किलो मीटर प्रति घण्टे औसत रही ।अगले 120 घण्टों का मौसम पूर्वानुमान - राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विष्वविद्यालयए ग्वालियर,, के अन्तर्गत आर.आर,. ए. के. कृषि महाविद्यालय, सीहोर को भारत मौसम विज्ञान विभाग ( प्ण्डण्क्ण्) द्वारा भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मन्त्रालय के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केन्द्र, नई दिल्लीए से प्राप्त जानकारी के अनुसार सीहोर तथा उसके आसपास के क्षेत्रों में अगले 120 घण्टों के दौरान (दिनांक 18 सितम्बर से 22 सितम्बर 2010 तक) ज्यादातर आसमान साफ रहने तथा आसमान में हल्के घने बादल से घने बादल छाये रहने का अनुमान है। बूॅदा बॉदी के साथ हल्की वर्षा की सम्भावना है । दिन के तापमान में मामूली कमी एवं रात्रि के तापमान में मामूली परिवर्तन की सम्भावना है। हवाऐं 05 से 10 किलो मीटर प्रति घण्टा की गति से चलेंगीं। दिनांक - } - 18.09.10 19.09.10 20.09.10 21.09.10 22.09.10बादलों की स्थिति घने बादल घने बादल घने बादल घने बादल हल्के घने बादलवर्षा (मि.मि.) 0 03 10 08 06हवा की दिषा पश्चिम से उत्तर पश्चिम से पश्चिम से पश्चिम से दक्षिण पश्चिम सेहवा की गति(कि.मी/घण्टा) 06 07 10 05 06अधिकतम तापमान 0ब् 31.00 30.0 29.0 29.0 29.0न्यूनतम तापमान 0ब् 22.0 22.0 23.0 23.0 22.0आगामी मौसम को देखते हुए किसानों के लिए सामयिक सलाह - पषु एवं मुर्गी पालन 1. मुर्गियों के बिछावन को हमेषा उलटफेर करते रहें ताकि नमी की वजह से डली न बनें जिससे कोक्सीडियोसिस की बीमारी से बचाव हो सके। किलनी या चीमड़ी के नियन्त्रण के लिए मैलाथियान दवा का छिड़काव करें2. गलघोटू, एक टंगिया व छड रोग का पशुचिकित्सक की सलाह से टीकाकरण अनिवार्यरूप से करवायें। रोग का संचार दूषित भोजन, पानी, मिट्टी, वनस्पिति आदि के द्वारा होता है।
खरीफ फसलों के लिए कृषि सामयिकी सलाह 1. मौसम को देखते हुए सोयाबीन, मूॅग,उडद व्हाइट फ्लाई ( सफेदमक्खी ) एवं रसचूसक कीटांें के प्रकोप की सम्भावना है । इसके द्वारा फसलों एवं सब्जियों में पीला मोजेक रोग फैलता है । नियंत्रण के लिए अथवा एसीटामाप्रिड्र (250 से 300 ग्राम ) अथवा इथोफेनप्राक्स 10 ई.सी. अथवा इथियॉन 1 लीटर प्रति हेक्टर 500 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें । (30 मि.ली.दवा प्रति पम्प) रोग ग्रसित पौधों की पत्तियों को तोडकर गड्ढे में डालकर जलाकर नष्ट करें ।2. वातावरण में लगातार अधिक नमी तथा बादलयुक्त मौसम तेज धूप रहने के कारण फसलों एवं सब्जियों पर इल्लीयों ( हरी एवं भूरी अर्धकुण्डलक एवं कहीं कहीं खेत में तम्बाकू की इल्ली एवं गर्डल बीटल अथवा चक्रभ्रंग ) के प्रकोप दिखाई देने पर नियंत्रण के लिए इन्डाक्साकार्व 14.5 एस.पी. या लेम्डासाइहेलोथ्रिन 5 ई.सी. 500 मि.ली./हे. या प्रोफेनोंफास 50 ई.सी. 1.5 ली./हेब्टेर के मान से चिपकने वाले पदार्थ के साथ मिला कर छिड़काव करें। तम्बाकू की इल्ली हेतु किसान प्रतिदिन खेतों के निरीक्षण करें । एवं खेत में क्लोफिल रहित झिल्लीदार पत्तियॉं दिखाते ही दवाईयों का छिडकाव करें ।3. सोयाबीन,मूॅग,उडद में जीवाणु बैक्टिरियल पŸाी धब्बा एवं चूर्णिल आसिता (पाउडरी मिल्डयू) रोग दिखाई देने पर ताम्ब्रयुक्त कवकनाषी जैसे कॉपर ऑक्सीक्लोराइड अथवा ब्लू कॉपर 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में स्टिकर के साथ घोल बनाकर छिड़काव करें।4. मौसम को देखते हुए मूॅंग एवं उडद की पकी हुई फसलों की शीघ्र तुडाई करें। यदि फलियां एक साथ न पकी हों तो उन जातियों में पकी हुई फलियों की तुड़ाई करें।फल , सब्जियॉंविज्ञान 1. मिर्चए बैंगनए टमाटर आदि सब्जियों में फल एवं तना बेधक कीटों के लिए ट्रायजोफास 40 ई.सी. 800 मि.ली. प्रति हेक्टर एवं रस चूसक कीटों के नियन्त्रण के लिए इमीडाक्लोप्रिड 17.8 एस.एल. 1 मि.ली. प्रति 3 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।2. फलदार पौधों अनार, नीबू एबेर एचीकू पर कीट एवं रोग नियंत्रण हेतु मैलाथियान 2 मि.ली. $ मेन्कोजेब 3 ग्राम प्रति लीटर के हिसाब से छिड़काव करें। फलोद्यान एवं सब्जियों में उचित जल निकास की व्यवस्था करें।3. हल्दी एवं अदरख पŸिायों पर पर्णदाग या घब्बे दिखाई देने पर मैन्कोजेब 3 ग्राम प्रति लीटर घोल बनाकर पौधों को तर(डेन्चिंग)करें।
खरीफ फसलों के लिए कृषि सामयिकी सलाह 1. मौसम को देखते हुए सोयाबीन, मूॅग,उडद व्हाइट फ्लाई ( सफेदमक्खी ) एवं रसचूसक कीटांें के प्रकोप की सम्भावना है । इसके द्वारा फसलों एवं सब्जियों में पीला मोजेक रोग फैलता है । नियंत्रण के लिए अथवा एसीटामाप्रिड्र (250 से 300 ग्राम ) अथवा इथोफेनप्राक्स 10 ई.सी. अथवा इथियॉन 1 लीटर प्रति हेक्टर 500 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें । (30 मि.ली.दवा प्रति पम्प) रोग ग्रसित पौधों की पत्तियों को तोडकर गड्ढे में डालकर जलाकर नष्ट करें ।2. वातावरण में लगातार अधिक नमी तथा बादलयुक्त मौसम तेज धूप रहने के कारण फसलों एवं सब्जियों पर इल्लीयों ( हरी एवं भूरी अर्धकुण्डलक एवं कहीं कहीं खेत में तम्बाकू की इल्ली एवं गर्डल बीटल अथवा चक्रभ्रंग ) के प्रकोप दिखाई देने पर नियंत्रण के लिए इन्डाक्साकार्व 14.5 एस.पी. या लेम्डासाइहेलोथ्रिन 5 ई.सी. 500 मि.ली./हे. या प्रोफेनोंफास 50 ई.सी. 1.5 ली./हेब्टेर के मान से चिपकने वाले पदार्थ के साथ मिला कर छिड़काव करें। तम्बाकू की इल्ली हेतु किसान प्रतिदिन खेतों के निरीक्षण करें । एवं खेत में क्लोफिल रहित झिल्लीदार पत्तियॉं दिखाते ही दवाईयों का छिडकाव करें ।3. सोयाबीन,मूॅग,उडद में जीवाणु बैक्टिरियल पŸाी धब्बा एवं चूर्णिल आसिता (पाउडरी मिल्डयू) रोग दिखाई देने पर ताम्ब्रयुक्त कवकनाषी जैसे कॉपर ऑक्सीक्लोराइड अथवा ब्लू कॉपर 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में स्टिकर के साथ घोल बनाकर छिड़काव करें।4. मौसम को देखते हुए मूॅंग एवं उडद की पकी हुई फसलों की शीघ्र तुडाई करें। यदि फलियां एक साथ न पकी हों तो उन जातियों में पकी हुई फलियों की तुड़ाई करें।फल , सब्जियॉंविज्ञान 1. मिर्चए बैंगनए टमाटर आदि सब्जियों में फल एवं तना बेधक कीटों के लिए ट्रायजोफास 40 ई.सी. 800 मि.ली. प्रति हेक्टर एवं रस चूसक कीटों के नियन्त्रण के लिए इमीडाक्लोप्रिड 17.8 एस.एल. 1 मि.ली. प्रति 3 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।2. फलदार पौधों अनार, नीबू एबेर एचीकू पर कीट एवं रोग नियंत्रण हेतु मैलाथियान 2 मि.ली. $ मेन्कोजेब 3 ग्राम प्रति लीटर के हिसाब से छिड़काव करें। फलोद्यान एवं सब्जियों में उचित जल निकास की व्यवस्था करें।3. हल्दी एवं अदरख पŸिायों पर पर्णदाग या घब्बे दिखाई देने पर मैन्कोजेब 3 ग्राम प्रति लीटर घोल बनाकर पौधों को तर(डेन्चिंग)करें।
Friday, September 17, 2010
क्वीन्स वैटन रिले का सीहोर में भव्य स्वागत
सीहोर 19वें राष्ट्र मण्डल (कामनवेल्थ) खेलों के लिए प्रारंभ हुई क्वीन्स वैटन रिले आज अपने निर्धारित कार्यक्रम अनुसार सीहोर पहुंची जहां उसकी अगवानी प्रदेश के राजस्व एवं पुनर्वास मंत्री श्री करण सिंह वर्मा, वन विकास निगम अध्यक्ष श्री गुरूप्रसाद शर्मा, विधायक श्री रमेश सक्सेना, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री धर्मेन्द्रसिंह चौहान, जिला न्यायाधीश मा. श्री वेदप्रकाश शर्मा, कलेक्टर श्री संदीप यादव, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अजयसिंह गंगवार और एडिशनल एस.पी. श्री सुनील मेहता सहित जिला प्रशासन के अन्य अधिकारियों तथा राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों ने की। स्वागत का मुख्य समारोह चर्च ग्राउंड पर आयोजित किया गया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार श्री प्रदीप चौहान ने किया। स्वागत में उमड़ा शहर क्वीन्स वैटन जब मुख्य समारोह स्थल से बस स्टैण्ड सैकड़ाखेडी जोड़ के लिए रवाना हुई तो रास्ते भर उसका पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। स्वागत में मानों पूरा शहर ही उमड़ पड़ा था। क्वीन्स वैटन के स्वागत में जगह जगह स्वागत द्वार बनाए गए थे। निर्धारित मार्ग के दोनों ओर छात्र स्वागत के लिए झंडे लिए खड़े थे। शहर में क्वीन्स वैटन पहुंचने का यह दुर्लभ और अभूतपूर्व मौका था जिसका भव्य स्वागत कर शहर ने यह बता दिया कि दिल से स्वागत कैसे किया जाता है।जब थामी वैटन मुख्य समारोह स्थल पर प्रदेश के राजस्व एवं पुनर्वास मंत्री श्री करण सिंह वर्मा, विधायक श्री रमेश सक्सेना, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री धर्मेन्द्र सिंह चौहान, नगरपालिका अध्यक्ष श्री राकेश राय, वन विकास निगम अध्यक्ष श्री गुरूप्रसाद शर्मा, कलेक्टर श्री संदीप यादव, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अजयसिंह गंगवार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री सुनील मेहता सहित अन्य अधिकारियों ने क्वीन्स वैटन थामी और समारोह स्थल का राउण्ड लगाया। इस अवसर पर नूतन और आक्सफोर्ड स्कूल की छात्रों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। मौजूद थे अन्तर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय खिलाड़ी मुख्य समारोह स्थल पर अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों में मोहम्मद दाउद (अन्तराष्ट्रीय हॉकी) कु. सीमा धाडी (कराटे), श्री नितीन शर्मा (पावर लिफ्टिंग) , श्री वीरेन्द्र वर्मा (फुटवाल), श्री सुमित गरौठिया (पावर लिÏफ्टग) और श्री राजेन्द्र सेन (ताईक्वान्डो) तथा राष्ट्रीय खिलाड़ियों में श्री कपिल यादव (पावर लिफ्टिंग), श्री विजेन्द्र ठाकुर (जूडो), कु. भावना सक्सेना (हॉकी), कु. रूपा सैनी (हॉकी), श्री प्रशान्त भदौरिया (कबड्डी), श्री लखन ठाकुर (कराते), श्री मनोज अहिरवार (फुटवाल), श्री मदन कुशवाह (क्रिकेट), श्री आनंद उपाध्याय (फुटवाल), श्री ऋषि चतुर्वेदी (फुटवाल) मौजूद थे जिनके हाथों से वैटन ने शहर का रास्ता तय किया।
Friday, September 10, 2010
गणेश चतुर्थी और ईद पर सीहोरवासियों को उपहार
जमोनिया डेम से पाइप लाइन डालने के कार्य का श्रीगणेशयूआईडीएसएसएमटी योजना में पाइप लाइन डालने का कार्य प्रांरभयोजना के पूरा होने पर खत्म हो जाएगा पेयजल संकट
सीहोर। हर वर्ष पेयजल संकट से दो-चार होने वाले शहर को जल्द ही इस समस्या से निजात मिल जाएगी। लंबे समय से शहर की पेयजल समस्या का स्थायी हल खोजा जा रहा था। इस समस्या के हल के लिए नपाध्यक्ष राकेश राय ने केन्द्रीय कांग्रेस नित सरकार से मिलकर जिला मुख्यालय के लिए यूआईडीएसएसएमटी योजना स्वीकृत कर नगर की पेयजल समस्या के स्थायी हल का मार्गप्रशस्त किया था। उक्त योजना अब अमली जामा पहनने जा रही है। गणेश चतुर्थी और ईद की पूर्व संध्या पर नगर पालिका अध्यक्ष राकेश राय द्वारा निकटवर्ती जमोनिया तालाब से मुख्यालय तक डाली जा रहीं दो किलोमीटर से अधिक लंबी पाइप लाइन डालने के कार्य का शुभारंभ किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इस पाइप लाइन के डल जाने के बाद जमोनिया का पानी सीधे शहर को प्राप्त हो सकेगा।एमपीईबी चौराहे तक आएगी पाइप लाइनजमोनिया तालाब से डाली जा रही बीस इंच मोटी पाइप लाइन मण्डी होते हुए नगर के एमपीईबी चौराहे तक डाली जाएगी। चौराहे पर योजना के तहत 12 लाख लीटर की टंकी का निर्माण किया जाना है। 17 करोड़ 50 लाख से अधिक की इस योजना के अगले वर्ष तक पूर्ण हो जाने की संभावना जताई जा रही है। योजना में नगर के तीन प्रमुख क्षेत्रों में टंकियों के निर्माण के बाद नगर के अलग-अलग हिस्सों में पेयजल प्रदाय किया जाएगा। योजना नगर की अगले तीस वर्षों की पेयजल समस्या को ध्यान में रखकर बनाई गई है।भोपाल नाका-नेहरू पार्क मेंं भी टंकियांयोजना के तहत नगर के भोपाल नाका और नेहरू पार्क क्षेत्र में 10-10 लाख लीटर की पेयजल टंकियों का निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है। नगर के तीन प्रमुख क्षेत्रों में निमार्णाधीन पेयजल टंकियों के निर्माण के बाद नई पाइप लाइन द्वारा नगर के अलग-अलग क्षेत्रों में प्रतिदिन पेयजल प्रदान किया जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि नगर में पानी की कमी के चलते कई अन्य विकाय अटक पड़े है। पानी की कमी के चलते ही यहां कोई बड़ा उद्योग विकसित नहीं हो सका। वादे तो कई किए गए लेकिन ठोस पहल के अभाव में पिछले बीस सालों से इस समस्या के निदान के लिए कोई प्रयास नहीं हो पाए। वर्तमान परिषद अध्यक्ष के विशेष प्रयासों से जहां मंडी और गंज में 15-15 लाख लीटर की टंकियां बनाई गई वहीं केन्द्र की यूआईडीएसएसएमटी योजना की स्वीकृति के बाद पेयजल संकट का जड़ से निदान भी होने जा रहा है।पल-पल पर नपाध्यक्ष की नजरयोजना की अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नगर की प्रमुख समस्या से जुड़ी इस योजना को लेकर नपाध्यक्ष स्वयं पूरे काम पर नजर रखे हुए है। नपाध्यक्ष द्वारा योजना से जुड़े हर कार्य का स्वयं निरीक्षण किया जा रहा है। साथ ही हर दूसरे दिन वह नपा सीएमओ से योजना की प्रगति रिपोर्ट ले रहे है। यहीं कारण है कि जमोनिया डेम से डलने वाली पाइप का निरीक्षण नपाध्यक्ष नपा इंजीनियरों से पहले कर आए। इस दौरान उन्होंने कार्य के तय समय और गुणवत्ता को लेकर भी अधिकारियों को कोई समझौते न करने के स्पष्ट निर्देश दिए है। गणेश चतुर्थी और ईद की पूर्वसंध्या पर शुभारंभशहर हित से जुड़ी इस महत्वपूर्ण योजना के शुभारंभ के लिए भी नपाध्यक्ष ने एक शुभ दिन का चुनाव करते हुए शुभ कार्यो के देवता श्रीचिंतामन गणेश चतुर्थी और ईद के पाक पावन की पूर्व संध्या का चुनाव किया। दोनों प्रमुख त्यौहार के ठीक एक दिन पूर्व शुक्रवार को नपाध्यक्ष राकेश राय, सीएमओं दीपक देवगड़े, पार्षद हफीज चौधरी, इरफान बेल्डर,शमीम अहमद, अशफाक खान, सतीश दरोठिया, एई आरएन पाण्डे, सहायक यंत्री सतीश चंद्रायण, बडे बाबू रमेश राय,कंसलटेंट दीप अग्रवाल, जिला कांग्रेस महामंत्री धर्मेन्द्र यादव बैंक संचालक राजेन्द्र शर्मा, मीडिया प्रभारी महेन्द्र सिंह ठाकुर, किसान नेता घनश्याम यादव, नबाव मुनव्वर खान,पंकज गुप्ता, वरुण शर्मा, दुलारे यादव, राधेश्याम यादव, संजय राय, अरुण राय आदि उपस्थित थे।क्या कहते हैं जिम्मेदारनपाध्यक्ष राकेश राय का कहना है कि हमारा नगर पिछले बीस सालों से पेयजल संकट से जूझ रहा है। अब तक इस ओर न तो प्रशासन द्वारा ध्यान दिया गया था, न ही यहां के बड़े जनप्रतिनिधियों द्वारा। हमारे और परिषद के प्रयासों से यह महत्वपूर्ण योजना हमें मिली थी। हम इस योजना का पूरा लाभ लेकर नगर की सबसे बड़ी समस्या को जड़ से खत्म करने का प्रयास कर रहे है। योजना के पूरा होने के बाद शहरवासियों को प्रतिदिन पेयजल मिल सकेगा। नपा सीएमओ दीपक देवगड़े का कहना है कि योजना को लेकर नगर पालिका का अमला और निविदाकार गंभीरता से कार्य कर रहे है। समय-समय पर नगर पालिका अध्यक्ष राकेश राय जी का मार्गदर्शन और निर्देश मिलता रहता है। यह नगर हित से जुड़ा मामला है, इसमें किसी प्रकार की कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
स्कूलों से खाली पेट लौट रहे है बच्चे
मध्यान्ह भोजन योजना अनदेखी के कारण हो रही दागदारसीहोर। प्राथमिक और माध्यमिक कक्षाओं में बच्चों की संख्या बढ़ाने के उद्देश्य से लागू की गई मध्यान्ह भोजन योजना के क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने के अनेक उदाहरण देखने में आ रहे हैं। केन्द्र शासन द्वारा सर्वशिक्षा अभियान के तहत स्कूलों में यह योजना संचालित की जा रही है। मगर स्कूल में दाखिला हो जाने के बाद छात्रों की पढ़ाई और उनकी सेहत से जुड़े कार्यों पर जिस तरह से अनदेखी हो रही है, उससे यह योजना दागदार होती जा रही है। कई स्कूलों में तो महिला स्व सहायता समूह द्वारा खाना देना बंद कर दिए जाने के कारण बच्चे खाली पेट घर लौट रहे हैं।जानकारी के अनुसार जिले में हर माह करीब एक दर्जन से दो दर्जन स्कूलों में मध्यान्ह भोजन योजना चौपट हो जाती है। भोजन के लिए खाद्यान्न, और सब्जियों की खरीद में हो रहे घपलों, किचन में खाना तैयार करने के तरीकों और छात्रों को खाना परोसने में हो रही लापरवाहियों के किस्से अब मैदान में आ चुके हैं कि बच्चों और पालकों में भय का वातावरण बनता जा रहा है। दोपहर भोजन के नाम पर प्रबंधन से जुड़े लोगों की जीभर कर कमाई हो रही है। इस सबका यह परिणाम हो रहा है कि भोजन की गुणवत्ता दुष्प्रभावित होती जा रही है। ठेके पर दी गई भोजन व्यवस्था को सुपरविजन की अनदेखी से भोजन की पौष्टिकता और शुद्धता पर ध्यान नहीं दिया जाता है। भोजन पकाते समय जिन-जिन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए, वह नहीं हो रहा है। भोजन बनाने में हो रही लापरवाही से कीड़े-मकोड़े भी पके हुए भोजन में पाए जाने लगे हैं। जबकि भोजन बनाने के लिए शाासन ने लाखों खर्च कर खाना बनाने वालों को एनजीओ के माध्यम से प्रशिक्षण भी दिलाया गया है। कहीं बच्चे खाली पेट लौट रहे,कहीं शिक्षक उठा रहे भरपेट आनंदछात्रों की सेहत को पुष्ट बनाए रखने और स्कूल में उपस्थित रहकर पढ़ाई में उनका मन लगाने रखने के उद्देश्य की यह योजना इन दिनों छात्रों की सेहत के साथ खिलवाड़ के लिए जानी जाने लगी है। इस योजना के क्रियान्वयन पर जितनी खबरें आ रही हैं उसमें कहीं-कहीं से ऐसी खबरें भी आती हैं कि स्कूली छात्रों के हक के इस भोजन का कोई-कोई शिक्षक भी भरपेट आनंद ले रहे हैं। ऐसे शिक्षक पता नहीं किस मिट्टी के बने हैं जो छात्रों के अधिकार के भोजन पर डाका डालकर रुचि-रुचि भोजन कर रहे हैं तो दूसरी तरफ जिले में ऐसे भी स्कूल हैं। जहां मध्यान्ह भोजन नहीं बंटने के कारण बच्चे खाली पेट लौट रहे हैं। जानकारी के अनुसार इछावर तहसील के दूरस्थ अंचल में स्थित जीवनताल माध्यमिक स्कूल के हाल भी कुछ इसी प्रकार हैं। स्व सहायता समूह की मनमर्जी के कारण बच्चों को खाली पेट लौटना पड़ रहा है। बताते है कि यहां करीब दस दिनों से बच्चे खाली पेट ही स्कूल से लौट रहे हैं। इस संबंध में स्कूल की प्रभारी प्रधानाध्यापिका का कहना है कि स्कूल में मध्यान्ह भोजन नहीं बंटने की जानकारी बीआरसी, बीइओ और सीइओ को दी जा चुकी है, लेकिन अभी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। कुछ इसी प्रकार की शिकायत नसरुल्लागंज के इटारसी, आष्टा के वरखेड़ा सहित करीब एक दर्जन स्कूलों को प्रकाश में आई है। प्राथमिक में पौने तीन, माध्यमिक में मिल रहे चार रुपए प्रति छात्र भोजन व्यवस्था के लिए स्व सहायता समूह को राशन के अलावा प्राथमिक के छात्रों के लिए करीब पौने तीन रुपए और माध्यमिक के छात्रो के लिए करीब चार रुपए प्रति छात्र के मान से बजट मिल रहा है। केन्द्रांश और राज्यांश के मान से देखें तो मध्यान्ह भोजन योजना में प्राथमिक स्कूल के विद्यार्थियों को केन्द्र से प्रतिछात्र 2.02 रुपए और राज्यांश 0.67 रुपए के अलावा सौ ग्राम प्रति छात्र के मान से खाद्यान्न दिया जा रहा है। इसी प्रकार माध्यमिक स्कूल विद्यार्थियों को प्रति छात्र केन्द्र से 3.02 रुपए तथा राज्यांश 1.01 रुपए तथा 150 ग्राम प्रति छात्र मान से खाद्यान्न दिया जा रहा है। मध्यान्ह भोजन के लिए दिए 94 लाखजिला पंचायत द्वारा जिले में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के सुचारू क्रियान्वयन के मद्देनजर जिले की शासकीय प्राथमिक / माध्यमिक और शासन से अनुदान प्राप्त शालाएं/मदरसों में माह सितम्बर के लिए खाद्यान्न तथा भोजन पकाने के लिए राशि पुनरबंटित कर दी गई है। मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के तहत शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं के लिए 3717.54 क्विटंल खाद्यान्न और भोजन पकाने के लिए 94 लाख 95 हजार 256 रूपयों की राशि उपलब्ध कराई गई है। शालाओं में दर्ज छात्रों की 75 फीसदी औसत उपस्थिति के मान से 24 शैक्षणिक कार्य दिवस के लिए प्राथमिक शालाओं को 54 लाख 47 हजार 961 रूपयों की राशि और 2211.15 क्विंटल खाद्यान्न पुनरबंटित किया गया है। इसी तरह माध्यमिक शालाओं के लिए 40 लाख 47 हजार 295 रूपयों की राशि और 1506.44 क्विटंल खाद्यान्न पुनरबंटित किया गया है। शिकायत मिलने पर की जा रही कार्रवाईजिला पंचायत के मध्यान्ह भोजन प्रभारी जीएस चौहान ने स्वीकार किया कि महीने में मध्यान्ह भोजन नहीं मिलने व अन्य तरह की 10 से 15 शिकायतें मिल रही हैं। शिकायतों के आधार पर नसरुल्लागंज के इटारसी, आष्टïा के वरखेड़ा सहित अन्य स्वसहायता समूह पर कार्रवाई की गई है। फेक्ट फाइलग्रामीण क्षेत्र में प्राथमिक शालाएं 1370दर्ज विद्यार्थी 110676शहरी क्षेत्र में प्राथमिक शालाएं 124दर्ज विद्यार्थी 12165ग्रामीण क्षेत्र में मिडिल शालाएं 565दर्ज विद्यार्थी 48846शहरी क्षेत्र में मिडिल शालाएं 46दर्ज विद्यार्थी 6978
सीहोर में प्रशासन नही दें रहा ध्यान
सीहोर। जिले में इन दिनों जमीनों ·ा ·ारोबार शासन ·े नियमों ·ी अनदेखी ·र ·िया जा रहा है। चाहे जहां खेती ·ी जमीन ·ो आवासीय क्षेत्र में स्वंय परिवर्तित ·र वि·सित ·िया जाने है। ऐसे भू-माफियाओं पर प्रशासन ने शि·ंजा ·सने ·ी ·ोशिश ·ी जो ना·ाफी साबित हो रही है।जान·ारी ·े अनुसार जिले में शताधि· स्थानों पर इन दिनों रियल स्टेट ·े नाम पर जमीनों ·ी खरीद फरो त ·ो ·ार्य जारी है। जिस पर मनमाने तरि·े से आवासीय क्षेत्र वि·सित ·र ·ुछ भू:माफिया धन अर्जित ·रने में लगे है। प्रचार भी जारी: देखा जा रहा है ·ी जिले में अचान· प्रापर्टी ब्रो·र्स ·ी बाढ़ तो पहले ही आ गई थी अब इनवेस्टर और डव्लपर्स भी दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे है। भारी भर·म राशि खर्च ·र सड़·ों ·े ·िनारे लुभावने वायदे वाले लैैक्स लगाऐ जाते है और ऋण सुविधा ·ा झांसा भी दिया जाता है। इन भू-माफियाओं पर प्रशासन नियमों ·ी गाज नही गिरा पा रहा है जिससें खेती सिमटती जा रही है और उस पर ·ांक्रीट ·ा ·ब्जा होते जा रहा है।ऐसे हो रही अनदेखी: प्रशासन ·े ·ुछ नुमार्इंदे और भू-माफिया में निश्चित तौर पर साठ-गांठ या आपसी सामांजस्य है, यह बात इसलिए सामने आती हैं क्यों·ि शरि में जो क्षेत्र टाउन एंड ·ंट्री प्लानिंग ·े नियमों में ग्रीन बेल्ट में आते है वहां खुलेआम आवासीय क्षेत्र वि·सित हो रहे है।मात्र नोटिस थमाऐं:जिले में अने· स्थानों पर प्रापर्टी ब्रो·र्स, इनवेस्टर और डव्लपर्स ने बड़े-बड़े क्षेत्र में प्रचार ·र ·ालोनी बनाने या फार्म हाउस बनाने ·ा प्रचार ·िया और ·ार्य भी बगैर अनुमति ·े चालू ·र धन बटोरना शुरू ·र दिया तब प्रशासन ·ी नींद खुली और उसने भू-माफिया ·ी मनमानी रो·ने ·ा प्रयास ·िया तो सं या देख उस·ों भी आश्चर्य हुआ होगा। क्या है हाल:प्रशासन ने जिले में लगभग 34 लोगों ·ो नोटिस थमाऐं थे। उस·ी इस ·ार्रवाई से जमीन ·ा व्यवसाय ·र नियमों ·ी अनदेखी ·रने वालों ·े होश उड़ गए थे ·ुछ ने तो ·ारोबार ही बन्द ·र स्वंय ·ो भुमिगत ·र लिया था। ले·िन नोटिस ·े बाद स ती न होने से फिर से जमीन ·ा ·ारोबार फलने फूलने लगा है। जमीन ·ा खेल: शहर और आसपास ·े क्षेत्र ·े साथ-साथ गांव-गांव में जमीन ·ा व्सवसाय ए· अलग ही अंदाज में जारी है। ·ही टो·न पर जमीन बि· जाती है तो ·ही पावर ·र दिया जाता है। लोग जमीन ·ा ·ागजी एग्रीमेंट ·रा लेते है और रजिस्ट्री ·ी बारी आती हैं तो उस·ा उतारा ·र देते है। ·ई बार तो बयाना डूबने पर पैसा ·म खर्च हो इसलिए नया एग्रीमेंट भी ·रा लिया जाता है। यह भी उल्लेखनीय पहलु है ·ी तहसील ·ार्यालय में रोजाना जमीन ·े दलालों ·ा ·ब्जा बना रहता है। पैसा बचाने ·े लिए अधि·ांशत: महिलाओं ·े नाम रजिस्ट्री ·राई जाती है। व्यवस्था नही: जिले में जब टाउन एंड ·ंट्री प्लानिंग ·े नियमों ·ा ही पालन प्रशासन सुनिशित नही ·रा पा रहा है तो अन्य नियमों ·ा क्या हाल होगा इस·ा अनुमान लगाया जा स·ता है। लैट बना·र बेचने वाली सोसायटी ·ो ही अपने खर्च से पार्·िंग स्पेस ·ी व्यवस्था ·रनी होती है मगर यहां ऐसा होता नही दिख रहा। ·ोर्ट ने यह भी ·हा है ·ि बिल्डरों ·ो लेट ·ी ·ीमत, ·ॉमन एरिया और सुविधाओं ·ी ·ीमत बतानी ले·िन यहां बिल्डर शासन ·े नियमों ·ो भी तां· पर रखे ·ार्य ·र रहे है। राज्य सर·ार ने भी प्रस्तावित पार्·िंग नीति में ·हा है ·ि बिल्डर या डेवलपर ·ो परिसरों ·ी जमीन ·ा आधा हिस्सा पार्·िंग ·े लिए छोडऩा पड़ेगा। ले·िन यहां ·ई बिल्डर स्वंय ही रजिस्टर्ड ·ालोनी न बना·र खुद ही बिना अनुमति ·े क्षेत्र वि·सित ·र रहे है। ऐसे में पार्·िंग व अन्य सुविधा ·ुछे· जगह छोड़·र अन्य जगह नही है। लोगों ने जिला मु यालय पर ही इतना दुस्साहा ·िया है ·ी ग्रीन बेल्ट में ही म·ान बना·र या प्लाट ·ाट·र बेच रहे है। छानबीन ·ी तैयारी:एसडीएम द्वारा जिन 34 लोगों ·ो नोटिस थमाए गए थे उनमे से अंधि·ांश ने अपने उत्तर थमा दिए है पर इनमें से फिलहाल ·िसी ने भी अपनी ·ोई भी गलती मानने से इं·ार ·र दिया है जिस·ो ले·र एसडीएम ने छानबीन ·े निर्देश दिए है। इस छानबीन ·े बाद ही ·ार्रवाई संभावित है।
Thursday, September 9, 2010
सीहोर में हर रोज 3 लोग होते हैं मलेरिया से पीडि़त
सीहोर। जिले में ए· बार फिर मच्छरों ·ा प्र·ोप अचान· बढ़ गया है। यही ·ारण है ·ी यहां मच्छर जनित बीमारियों लगातार सिर उठा रही है। जगह-जगह व्याप्त गंदगी ·े ·ारण मच्छरों ·ा लार्वा तेजी से पनप रहा है और लोग मच्छरजनित बीमारियों ·ी चपेट में आते जा रहे है। स्थिति यह है ·ी सीहोर जिले में हर रोज 3 लोग मच्छर जनित बीमारी मलेरिया से पीडि़त हो रहे है।जान·ारी ·े अनुसार जिले में हर साल बरसात ·े दिनों में स्थान-स्थान पर पानी ए·त्र हो जाता है और इन गड्ढों में मच्छर तेजी से पनप जाते है। ले·िन पानी ·े भंडारण और व्याप्त गंदगी ·ी समाप्ति ·े लिए ·िसी भी प्र·ार ·ी दवा ·ा छिड़·ाव ·रना स्वास्थ्य विभाग और नगर पालि·ा उचित नही समझ रही है। प्रशासनि· ना·ामी ·ा ही परिणाम है ·ी हर साल ·ी तरह इस साल भी पूरे जिले में मच्छरों ·ा प्र·ोप तेजी से फैल रहा है। शाम होती भयान· समूचे जिले में लोग शाम होते ही मच्छरों ·े आतं· से ग्रासित हो जाते है। मच्छर नाश· अगरबत्ती और धुआं भी मच्छरों से लोगों ·ो राहत नही दिला पाते है। दिनभा भले ही मच्छरों से लोग राहत पा ले मगर रात ·ो मच्छर लोगों ·ी नींद हराम ·र रहे है। यही वजह है ·ी अब घर-घर में में शाम और रात ·ो मच्छरों से जंग शुरू हों जाती है।नही ·िए उपाय ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति सबसे ज्यादा चिंताजन· हो गई है। जहां रात ·ो न तो बिजली रहती है न ही मच्छरों ·े खात्मे ·े लिए ·ोई उपाय ·िए जा रहे है। बरसात ·ा पानी जगह-जगह भरा मच्छरों ·े बढऩे ·ा प्रमुख ·ारण है।दवा ·ा अभाव: ए· समय था जब गांव और शहर में डीडीटी दवा ·ा छिड़·ाव होता था और लोगों ·ो मच्छरों ·े प्र·ोप से राहत मिल जाती थी। मगर अब जब·ि डेंगू, स्वाईन लू, चि·नगुनिया और मलेरिया जैसे द्यात· रोग लोगों ·ो भयभीत ·िए हुए है तब ·िसी भी मच्छर नाश· दवा ·ा छिड़·ाव नही ·िया जा रहा है। वेन्टीलेटर पर अस्पतालइन दिनों मौसमी बीमारियों ·े प्र·ोप ·े चलते अस्पताल में प्रतिदिन ए· हजार से ज्यादा मरीज आ रहे है। ले·िन अस्पताल में जगह जगह मवेशी जमा रहतें है और हेल्पलाईन पर ·ोई भी ·र्मचारी तैनात नही रहता है।शहर लाल दवा ·े हवाले नगरीय क्षेत्र सीहोर ·ी बात ·रे तो यहां नगर पालि·ा ·े पास मच्छर नाश· फाग मशीरन है जो मात्र शोपीस बनी हुई है। वहीं शहर में ·ुछ चुनिंदा स्थानों पर ही नालियों में लाल दवा ·ा छि·ाव ·िया जाता है। मच्छरों ·ा डं·जिले में मच्छरों ·े प्रभाव ·ो अब स्वास्थ्य विभाग भी मानने लगा है। विभाग ·े आं·ड़े बताते है ·ी वर्ष 2006 में स्वास्थ्य विभाग ने 151250 ·ा भारी भर·म लक्ष्य निर्धारित ·िया और 154201 बीएस ए·त्र ·िए जिसमें से 1510 पाजीटिव पाऐं गए। इसी प्र·ार वर्ष 2007 में स्वास्थ्य विभाग ने 155031 ·ा लक्ष्य था और 162503 बीएस ए·त्र ·िए जिसमें से 1325 पाजीटिव पाऐं गए। वर्ष 2008 में स्वास्थ्य विभाग ने 158907 ·ा लक्ष्य रहा और 163016 बीएस ए·त्र ·िए जिसमें से 1103 रहे तथा गत वर्ष 2009 में स्वास्थ्य विभाग ने 162880 ·ा लक्ष्य रख·र 165700 बीएस ए·त्र ·िए जिसमें से 1121 पाजीटिव पाऐं गए।
क्या ·हते है जि मेदार जिले में स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सजग है और रोगियों ·ो समय पर पर्याप्त उपचार उपलब्ध ·राया जा रहा है। - डा. एएल मरावी, सीएमएचओं सीहोर
नगर पालि·ा शहर में सभी स्थानों पर फाग मशीन से धुंआ छुडवाती है और नालियों में नियमित साफ-सफाई ·े दौरान फिनाईल और लाल दवा ·ा छिड·ाव ·राया जाता है।- दीप· देवगड़े, सीएमओ नपा सीहोर
क्या ·हते है जि मेदार जिले में स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सजग है और रोगियों ·ो समय पर पर्याप्त उपचार उपलब्ध ·राया जा रहा है। - डा. एएल मरावी, सीएमएचओं सीहोर
नगर पालि·ा शहर में सभी स्थानों पर फाग मशीन से धुंआ छुडवाती है और नालियों में नियमित साफ-सफाई ·े दौरान फिनाईल और लाल दवा ·ा छिड·ाव ·राया जाता है।- दीप· देवगड़े, सीएमओ नपा सीहोर
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