Saturday, September 18, 2010

मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना

महेन्द्र सिंह ठाकुर,
सीहोरजिला मुख्यालय पर एक दंपत्ति एकता की मिसाल हंै, हिन्दू होते हुए भी पवित्र रमजान मास में रोजे रखकर देश की तरक्की और भाईचारे की भावना बढ़ाने के लिए दुआएं मांगते हैं। आज के समय में जब छोटी-छोटी बातों पर धर्म और जाति के आधार पर हिंसा हो जाती है, तब एक परिवार अपनी पवित्र भावना से एकता का वो संदेश दे रहा है, जो हर किसी के लिए प्रेरणा दायी है। जानकारी के अनुसार शहर के गंज क्षेत्र में रहने वाले रामप्रकाश नरोलिया और उनकी पत्नी जयश्री नरोलिया विगत कई वर्षों से पवित्र रमजान मास के चलते पूरी श्रद्धा के साथ रोजे रखते हैं। रामप्रकाश बताते हैं कि वह अपने विवाह के पहले से रोजे रखते हैं। जब उनका विवाह हो गया तो उनकी पत्नी भी रोजे रखने लगी। रामप्रकाश मस्जिद में जाकर नमाज भी अता करते हैं। पूरे नगर में रामप्रकाश नरोलिया और उनकी पत्नी जयश्री नरोलिया एकता की मिसाल के रूप में जाने जा रहे हैं। वहां है एकताभोपाल इंदौर राजमार्ग पर पचामा सोया संयंत्र के सामने स्थित दरगाह और माता जी के मंदिर में एकता का नजारा देखा जा सकता है। हर साल यहां विशाल भंडारा होता है। दरगाह और मंदिर की दीवार लगी हुई है। दूर से ही देखने में यह क्षेत्र एकता का प्रतीक नजर आता है। देश की खातिरदेश की स्वतंत्रता के लिए अंगे्रजों से लोहा लेते हुए शहीद कुंवर चैन सिंह की छतरी इंदौर नाके पास स्थित है, यहीं उनके अंगरक्षक हिम्मत खां और बहादुर खां की शहादत स्थली है। यहां हर स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर बड़ी संख्या में लोग पहुंच श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

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