महेन्द्र ठाकुर, सीहोर नर्मदा के मुख्य तट पर बसा ग्राम जैत आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है। पूर्वी छोर पर बसे इस गांव ने उस नेतृत्व को जन्म दिया, जिसने प्रदेश की तकदीर और तस्वीर दोनों बदल दी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस छोटे से गांव में जन्म लिया, यहीं खेले और आरंभिक शिक्षा प्राप्त की। धार्मिक आस्थाओं में विश्वास रखने वाले और मां नर्मदा के भक्त श्री चौहान ने नर्मदा घाटों का पुर्नउद्धार कर गांव के विकास को शुरूआत दी। यहां सड़क बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया। पौने बारह सौ की आबादी वाला गांव जैत आज अपनी किस्मत पर जरूर गर्व करता होगा। गांव में तो विभिन्न जाति, वर्ग और धर्म के लोग निवास करते हैं, पर यहां चौहान वर्ग का बाहुल्य है, जो मुख्यत: कृषि कार्य ये जुड़ा है। श्री चौहान ने मुख्यमंत्री बनते ही पहले तो प्रदेश की ओर ध्यान दिया, फिर पीछे मुड़कर देखा अपने गांव जैत की तरफ शायद उन्हें लगा कि उनके मुख्यमंत्री बनने से गांव के लोगों की उम्मीदों को पंख लग गए हंै। आज गांव चारों तरफ से पक्की सड़कों से जुड़ चुका है। मछवाई से जैत और डोबी से जैत यह दोनों सड़कें डामर रोड बन चुके हैं। जो जैत गांव को मुख्य मार्ग से जोड़ते हैं। संवाददाता महेन्द्र ठाकुर द्वारा एकत्र जानकारी के अनुसार अब आधा घंटे का सफर सात मिनट में संभव है। सरदारनगर से जैत और नारायणपुर नांदनेर मार्ग भी लगभग तैयार है। यहां श्री चौहान कभी धूल और कीचड़ से सनी गलियों में खेला कूदा करते थे, वहां अब सीसी रोड है। पहले यहां केवल एक प्रायमरी स्कूल था। अब चमचमाती बिल्डिंग में 11 वीं तक की शिक्षा बच्चे ग्रहण कर रहे हैं। जहां लोग नर्मदा स्नान कर पानी नदी से लाते थे अब घर बैठे नलजल योजना से पानी मिल रहा है। सेवा सहकारी समिति, आंगनवाड़ी, हेल्थ सेंटर सहजता से सुलभ हैं। मछली पालन करने वाले अधिक रहते हैं, इसलिए मछुआ भवन बनवाया जा रहा है तथा कृषक भवन भी बनेगा। गौरतलब है कि नर्मदा तट शाम ढलते ही यहां अंधेरे से घिर जाता था, वहीं अब इस घाट की शाम सौर ऊर्जा की रोशनी से नहा उठाती है, अब लोग बिना किसी भय के देर शाम तक नर्मदा स्नान कर सकते हैं। अभी यहां विदेशी प्रवासी पक्षी भी अपना डेरा जमाते हैं, जिससे नर्मदा की शोभा और भी द्विगुणीत हो उठती है। 2008 में इस गांव में लोकरंजन जैसा प्रतिष्ठापूर्ण सात दिवसीय सांस्कृति आयोजन हो चुका है।भाजपा मना रही है गौरव दिवस- सीएम के ग्राम में बन गई पक्की सड़कें। - बड़ा सांस्कृति कार्यक्रम का हुआ आयोजन।- नर्मदा तट सौर ऊर्जा की रोशनी से नहाया। - शिक्षा का स्तर जैत में काफी बढ़ा।- जैत को भी होगा किस्मत पर गर्व।पांच साल पहले मध्यप्रदेश को सीहोर जिले ने नेतृत्व दिया, उसी का सुखद परिणाम है कि प्रदेश विकास की ओर अग्रसर है तथा किसी भी मायने में पीछे नहीं है। अब श्री चौहान का गृह ग्राम जैत भी मुख्यधारा से जुड़कर विकास की ओर कदम बढ़ा रहा है।
Saturday, November 27, 2010
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृह ग्राम किसी परिचय का मोहताज नहींसीहोर जिले ने दिया मध्यप्रदेश को नेतृत्व
महेन्द्र ठाकुर, सीहोर नर्मदा के मुख्य तट पर बसा ग्राम जैत आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है। पूर्वी छोर पर बसे इस गांव ने उस नेतृत्व को जन्म दिया, जिसने प्रदेश की तकदीर और तस्वीर दोनों बदल दी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस छोटे से गांव में जन्म लिया, यहीं खेले और आरंभिक शिक्षा प्राप्त की। धार्मिक आस्थाओं में विश्वास रखने वाले और मां नर्मदा के भक्त श्री चौहान ने नर्मदा घाटों का पुर्नउद्धार कर गांव के विकास को शुरूआत दी। यहां सड़क बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया। पौने बारह सौ की आबादी वाला गांव जैत आज अपनी किस्मत पर जरूर गर्व करता होगा। गांव में तो विभिन्न जाति, वर्ग और धर्म के लोग निवास करते हैं, पर यहां चौहान वर्ग का बाहुल्य है, जो मुख्यत: कृषि कार्य ये जुड़ा है। श्री चौहान ने मुख्यमंत्री बनते ही पहले तो प्रदेश की ओर ध्यान दिया, फिर पीछे मुड़कर देखा अपने गांव जैत की तरफ शायद उन्हें लगा कि उनके मुख्यमंत्री बनने से गांव के लोगों की उम्मीदों को पंख लग गए हंै। आज गांव चारों तरफ से पक्की सड़कों से जुड़ चुका है। मछवाई से जैत और डोबी से जैत यह दोनों सड़कें डामर रोड बन चुके हैं। जो जैत गांव को मुख्य मार्ग से जोड़ते हैं। संवाददाता महेन्द्र ठाकुर द्वारा एकत्र जानकारी के अनुसार अब आधा घंटे का सफर सात मिनट में संभव है। सरदारनगर से जैत और नारायणपुर नांदनेर मार्ग भी लगभग तैयार है। यहां श्री चौहान कभी धूल और कीचड़ से सनी गलियों में खेला कूदा करते थे, वहां अब सीसी रोड है। पहले यहां केवल एक प्रायमरी स्कूल था। अब चमचमाती बिल्डिंग में 11 वीं तक की शिक्षा बच्चे ग्रहण कर रहे हैं। जहां लोग नर्मदा स्नान कर पानी नदी से लाते थे अब घर बैठे नलजल योजना से पानी मिल रहा है। सेवा सहकारी समिति, आंगनवाड़ी, हेल्थ सेंटर सहजता से सुलभ हैं। मछली पालन करने वाले अधिक रहते हैं, इसलिए मछुआ भवन बनवाया जा रहा है तथा कृषक भवन भी बनेगा। गौरतलब है कि नर्मदा तट शाम ढलते ही यहां अंधेरे से घिर जाता था, वहीं अब इस घाट की शाम सौर ऊर्जा की रोशनी से नहा उठाती है, अब लोग बिना किसी भय के देर शाम तक नर्मदा स्नान कर सकते हैं। अभी यहां विदेशी प्रवासी पक्षी भी अपना डेरा जमाते हैं, जिससे नर्मदा की शोभा और भी द्विगुणीत हो उठती है। 2008 में इस गांव में लोकरंजन जैसा प्रतिष्ठापूर्ण सात दिवसीय सांस्कृति आयोजन हो चुका है।भाजपा मना रही है गौरव दिवस- सीएम के ग्राम में बन गई पक्की सड़कें। - बड़ा सांस्कृति कार्यक्रम का हुआ आयोजन।- नर्मदा तट सौर ऊर्जा की रोशनी से नहाया। - शिक्षा का स्तर जैत में काफी बढ़ा।- जैत को भी होगा किस्मत पर गर्व।पांच साल पहले मध्यप्रदेश को सीहोर जिले ने नेतृत्व दिया, उसी का सुखद परिणाम है कि प्रदेश विकास की ओर अग्रसर है तथा किसी भी मायने में पीछे नहीं है। अब श्री चौहान का गृह ग्राम जैत भी मुख्यधारा से जुड़कर विकास की ओर कदम बढ़ा रहा है।
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