सीहोर, दिनांक - 17.09.2010पिछले सप्ताह का मौसम - कृषि महाविद्यालय की मौसम बेद्यषाला की गणना के अनुसार पिछले सप्ताह ( 15 सितम्बर से 17 सितम्बर 2010 तक) कहीं कही आसमान साफ रहने तथा मध्यम घने बादल छाये रहे। दिन एवं रात्रि के तापमान में मामूली बढोतरी दर्ज की गई। अधिकतम तापमान 29.6 से 30.7ए न्यूनतम तापमान 21.0 से 23.0 डिग्री सेल्सियस रहा एवं वर्षा 17.0 मि.मी. रही। अभी तक की कुल वर्षा 554.7 मि. मी. रही। हवाओं की गति 5.5 से 7.88 किलो मीटर प्रति घण्टे औसत रही ।अगले 120 घण्टों का मौसम पूर्वानुमान - राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विष्वविद्यालयए ग्वालियर,, के अन्तर्गत आर.आर,. ए. के. कृषि महाविद्यालय, सीहोर को भारत मौसम विज्ञान विभाग ( प्ण्डण्क्ण्) द्वारा भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मन्त्रालय के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केन्द्र, नई दिल्लीए से प्राप्त जानकारी के अनुसार सीहोर तथा उसके आसपास के क्षेत्रों में अगले 120 घण्टों के दौरान (दिनांक 18 सितम्बर से 22 सितम्बर 2010 तक) ज्यादातर आसमान साफ रहने तथा आसमान में हल्के घने बादल से घने बादल छाये रहने का अनुमान है। बूॅदा बॉदी के साथ हल्की वर्षा की सम्भावना है । दिन के तापमान में मामूली कमी एवं रात्रि के तापमान में मामूली परिवर्तन की सम्भावना है। हवाऐं 05 से 10 किलो मीटर प्रति घण्टा की गति से चलेंगीं। दिनांक - } - 18.09.10 19.09.10 20.09.10 21.09.10 22.09.10बादलों की स्थिति घने बादल घने बादल घने बादल घने बादल हल्के घने बादलवर्षा (मि.मि.) 0 03 10 08 06हवा की दिषा पश्चिम से उत्तर पश्चिम से पश्चिम से पश्चिम से दक्षिण पश्चिम सेहवा की गति(कि.मी/घण्टा) 06 07 10 05 06अधिकतम तापमान 0ब् 31.00 30.0 29.0 29.0 29.0न्यूनतम तापमान 0ब् 22.0 22.0 23.0 23.0 22.0आगामी मौसम को देखते हुए किसानों के लिए सामयिक सलाह - पषु एवं मुर्गी पालन 1. मुर्गियों के बिछावन को हमेषा उलटफेर करते रहें ताकि नमी की वजह से डली न बनें जिससे कोक्सीडियोसिस की बीमारी से बचाव हो सके। किलनी या चीमड़ी के नियन्त्रण के लिए मैलाथियान दवा का छिड़काव करें2. गलघोटू, एक टंगिया व छड रोग का पशुचिकित्सक की सलाह से टीकाकरण अनिवार्यरूप से करवायें। रोग का संचार दूषित भोजन, पानी, मिट्टी, वनस्पिति आदि के द्वारा होता है।
खरीफ फसलों के लिए कृषि सामयिकी सलाह 1. मौसम को देखते हुए सोयाबीन, मूॅग,उडद व्हाइट फ्लाई ( सफेदमक्खी ) एवं रसचूसक कीटांें के प्रकोप की सम्भावना है । इसके द्वारा फसलों एवं सब्जियों में पीला मोजेक रोग फैलता है । नियंत्रण के लिए अथवा एसीटामाप्रिड्र (250 से 300 ग्राम ) अथवा इथोफेनप्राक्स 10 ई.सी. अथवा इथियॉन 1 लीटर प्रति हेक्टर 500 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें । (30 मि.ली.दवा प्रति पम्प) रोग ग्रसित पौधों की पत्तियों को तोडकर गड्ढे में डालकर जलाकर नष्ट करें ।2. वातावरण में लगातार अधिक नमी तथा बादलयुक्त मौसम तेज धूप रहने के कारण फसलों एवं सब्जियों पर इल्लीयों ( हरी एवं भूरी अर्धकुण्डलक एवं कहीं कहीं खेत में तम्बाकू की इल्ली एवं गर्डल बीटल अथवा चक्रभ्रंग ) के प्रकोप दिखाई देने पर नियंत्रण के लिए इन्डाक्साकार्व 14.5 एस.पी. या लेम्डासाइहेलोथ्रिन 5 ई.सी. 500 मि.ली./हे. या प्रोफेनोंफास 50 ई.सी. 1.5 ली./हेब्टेर के मान से चिपकने वाले पदार्थ के साथ मिला कर छिड़काव करें। तम्बाकू की इल्ली हेतु किसान प्रतिदिन खेतों के निरीक्षण करें । एवं खेत में क्लोफिल रहित झिल्लीदार पत्तियॉं दिखाते ही दवाईयों का छिडकाव करें ।3. सोयाबीन,मूॅग,उडद में जीवाणु बैक्टिरियल पŸाी धब्बा एवं चूर्णिल आसिता (पाउडरी मिल्डयू) रोग दिखाई देने पर ताम्ब्रयुक्त कवकनाषी जैसे कॉपर ऑक्सीक्लोराइड अथवा ब्लू कॉपर 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में स्टिकर के साथ घोल बनाकर छिड़काव करें।4. मौसम को देखते हुए मूॅंग एवं उडद की पकी हुई फसलों की शीघ्र तुडाई करें। यदि फलियां एक साथ न पकी हों तो उन जातियों में पकी हुई फलियों की तुड़ाई करें।फल , सब्जियॉंविज्ञान 1. मिर्चए बैंगनए टमाटर आदि सब्जियों में फल एवं तना बेधक कीटों के लिए ट्रायजोफास 40 ई.सी. 800 मि.ली. प्रति हेक्टर एवं रस चूसक कीटों के नियन्त्रण के लिए इमीडाक्लोप्रिड 17.8 एस.एल. 1 मि.ली. प्रति 3 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।2. फलदार पौधों अनार, नीबू एबेर एचीकू पर कीट एवं रोग नियंत्रण हेतु मैलाथियान 2 मि.ली. $ मेन्कोजेब 3 ग्राम प्रति लीटर के हिसाब से छिड़काव करें। फलोद्यान एवं सब्जियों में उचित जल निकास की व्यवस्था करें।3. हल्दी एवं अदरख पŸिायों पर पर्णदाग या घब्बे दिखाई देने पर मैन्कोजेब 3 ग्राम प्रति लीटर घोल बनाकर पौधों को तर(डेन्चिंग)करें।
No comments:
Post a Comment