Tuesday, December 20, 2011

सीहोर में जमकर हुई नोटों की बरसात



महेंद्र ठाकुर. सीहोर
राजधानी भोपाल के नजदीकी सीहोर जिले में इस समय किन्नरों का राष्ट्रीय सम्मेलन पूरे रंग पर है। पांच सौ से अधिक किन्नर सम्मेलन में आ चुके हैं और 23 दिसंबर को निकलने वाले कलश यात्रा में लगभग दो हजार किन्नर भाग लेंगे। बीती रात किन्नर सम्मेलन में जब किन्नरों ने फिल्मी गानों पर जमकर नृत्य किया तो किन्नरों के साथियों ने उन पर नोटों की बरसात कर दी।
जानकारी के अनुसार भोपाल नाका स्थित कंचन गार्डन में शहर और देश की तरक्की एवं खुशहाली की दुआ के लिए किन्नर सम्मेलन आयोजित है, जिसमें पूरे देश के किन्नर भाग ले रहे हैं। इस आयोजन की विशेषता यह है कि सम्मेलन स्थल के अंदर सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस कवरेज के पत्रकारों के अलावा आम नागरिकों का प्रवेश वर्जित है। मंगलवार की देर रात यहां मनोरंजन कार्यक्रम के दौरान किन्नरों ने अपनी नृत्य कला का दिल खोलकर प्रदर्शन किया तो यहां मौजूद उनके साथी किन्नर उनकी हौंसला अफजाई करने से नहीं चूके। किन्नरों पर नोटों की जमकर बरसात हुई।
पान पड़े कम
इस राष्ट्रीय स्तर के आयोजन से जुड़ी पूर्व पार्षद पायल जान ने बताया कि शहर में उन्हें उतने पान उपलब्ध नहीं हुए, जितने कि जरुरत थी। इसलिए भोपाल से दस हजार पान मंगवाए हैं।
वितरित होंगे नोट
पूर्व पार्षद पायल जान ने यह भी बताया कि नृत्य के दौरान भारी मात्रा में नोट नृत्य करने वाले पर प्रोत्साहन स्वरुप दिए गए, उन्हें एकत्र करने के बाद अंतिम दिन सभी को दिया जाता है।
नामी किन्नर आए
इस आयोजन की विशेषता यह है कि सागर की पूर्व महापौर कमला सहित देश के अनेक जाने-माने किन्नर इस आयोजन में भाग ले रहे हैं।
सरकारी सुविधा नहीं
देशभर से आए किन्नरों ने इस संवाददाता से चर्चा के दौरान कहा कि आम जनमानस से ही उन्हें इतना मिल जाता कि उन्हें सरकारी सुविधा और सहायता की जरुरत नहीं है। सरकार ही जब ध्यान नहीं दे रही है तो उन्हें भी सरकारी मदद नहीं चाहिए।
फिल्मी नाच भी
आयोजन स्थल पर मंगलवार की रात फिल्मी अंदाज पर जब अति सुंदर किन्नर थिरके तो ऐसा नजारा लग रहा था, जैसे किसी फिल्म का दृश्य हो। इसी प्रकार राई नृत्य का अंदाज भी सभी को आश्चर्यचकित कर देने वाला था।

Thursday, November 10, 2011

सीहोर में अशुभ साबित हुआ 11.11.11 पांच लोगों की दर्दनाक मौत


महेन्द्र सिंह ठाकुर, सीहोर।
शुक्रवार तड़के भोपाल-इंदौर हाइवे पर चैपाल-सागर से एक किमी आगे इंदौर की ओर स्थित ग्राम रफीकगंज के पास एक तेज रफ्तार जीप खड़े ट्राले से टकरा गई। जीप में सवार पांच लोगों की घटनास्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जबकि अन्य आठ यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। मरने वालों में दो पुरुष, दो महिलाएं एवं एक बच्चा भी शामिल हैं, चार घायल की गंभीरता देखते हुए उन्हें भोपाल रेफर किया गया है, जबकि शेष चार घायलों को जिला अस्पताल में ही रखा गया है। जीप में सवार यात्री रतलाम और धार जिले के थे, जो नागपुर से ताजुद्दीन की दरगाह से दर्शन कर वापस रतलाम लौट रहे थे। बताया जाता है कि रतलाम और धार के यात्री नागपुर में ताजुद्दीन दरगाह के दर्शन कर सपरिवार लौट रहे थे। उनकी स्कार्पियो जीप क्रमांक एमपी 09 सीडी 8987 इंदौर-भोपाल स्टेट हाईवे पर रफीकगंज के पास सड़के पर बेतुके ढंग से खड़े ट्राला क्रमांक एमपी 09 एचजी 6848 से जा टकराई। टक्कर इतनी भीषण थी कि जीप के परखच्चे उड़ गए और घटना के घंटों बाद लोगों ने जीप को तोड़कर शवों को बाहर निकाला। जिम्मेदार रहे नदारद स्टेट हाइवे पर इस भीषण दुर्घटना की खबर मिलते ही जहां मुख्यालय के छोटे पुलिसकर्मियों और नगरपालिका के कुछ कर्मचारी मौके पर पहुंचे थे, वहीं घटना के करीब तीन घंटे बाद तक पुलिस या प्रशासन का कोई भी वरिष्ठ अधिकारी मौके पर हालात का जायजा लेेने के लिए नहीं पहुंचा। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही उजागर इस घटना के घंटों बाद भले ही एसडीएम इच्छित गढ़पाले, एसडीओपी योगेश्वर शर्मा मौके पर पहुंचे, लेकिन इसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन लापरवाह बना रहा और आखिरकार अस्पताल प्रबंधन को कई बार सूचना देने के बाद भी शवों को लाने के लिए कोई भी वाहन वहां नहीं पहुंचा था। नतीजन आने-जाने वाले वाहनों की मदद से अधिकारियों ने शवों को अस्पताल भेजने की व्यवस्था बनाई। किया गया मार्ग बंद शुक्रवार तड़के जब यह घटित हुई, तब जीप से निकलकर कुछ घायल और मृत अवस्था में कुछ लोग बीच सड़क पर आ गिरे थे, जिसके चलते इस सड़क पर लंबा जाम लग गया था, वहीं सुबह होते-होते जब प्रशासनिक अमला वहां पहुंचा तो व्यवस्थाएं बनाने के लिए कुछ देर के लिए स्टेट हाईवे पर इंदौर की ओर जाने वाला हिस्सा पूरी तरह बंद किया गया, जिससे लंबी दूरी तक वाहनों की कतारें लग गईं। इस पूरे घटनाक्रम में प्रशासन और पुलिस के अधिकारी मौके पर तब पहुंचे, जब कलेक्टर को लोगों ने सूचना दी। इन्होंने दिखाई मानवता इस भीषण दुर्घटना में जिन पांच लोगों की मौत हुई है, उनके शवों की हालत देखकर हर किसी का सिर चकरा गया था, लेकिन ऐसे में भी तीन लोग वहां ऐसे देखे गए, जिन्होंने इंसानियत का परिचय देते हुए मानवता को सर्वोपरि माना और आगे आकर क्षब्ध-विक्षप्त शवों को अपने हाथों से व्यवस्थित कराया। इन तीन लोगों में पहले थे मंडी थाने के जांबाज एएसआई धर्मेन्द्र सिंह तोमर, दूसरे थे खंडवा से भोपाल वाहन ले जाने वाले चालक नूर मियां पुत्र नजीर पटेल और तीसरे जांबाज मददगार थे संतोष मालवीय, जो नगरपालिका में जेसीबी ऑपरेटर के तौर पर सेवाएं देते हैं।

Thursday, September 22, 2011

Sunday, July 31, 2011

सेंपल खोलेगा मध्यान्ह की पोल


महेन्द्र ठाकुर. सीहोर
अब स्कूलों में मिलने वाले मध्यान्ह भोजन में समूह लापरवाही नहीं बरत सकेंगे। क्योंकि जिला पंचायत ने सभी समारोह को मध्यान्ह भोजन का सेंपल स्कूल में रखने के निर्देश दिए हैं। इससे भोजन के मीनू का पता चलेगा ही साथ ही यदि बच्चों में फूड पाइजनिंग होती है तो तुरंत ही भोजन की जांच करवाई जा सकेगी।
मध्यान्ह भोजन व्यवस्था में आए दिन मीनू के अनुसार भोजन न देने, गुणवत्ता विहीन खाना बच्चों को खिलाने सहित अन्य शिकायतें होती आई हैं। जिला पंचायत ने इस समस्याओं से निपटने के लिए मध्यान्ह भोजन बनाने वाले समूहों को निर्देशित किया है कि बच्चों के लिए आने वाले खाने का कुछ हिस्सा बतौर सेंपल के रखा जाए। यह सेंपल संस्था प्रधान की निगरानी में रहेगा। बच्चों के लिए आने वाले भोजन में से ही सेंपल निकाला जाए और उसमें किसी तरह का हेर-फेर न हो, यह जिम्मेदारी संस्था प्रधान की होगी। भोजन करने के बाद यदि बच्चों में फूड पाइजनिंग का मामला सामने आता है तो बतौर सेंपल रखे गए भोजन की जांच की जा सकती है। इसके अलावा इस सैंपल से एक दिन बाद तक मीनू की सही जानकारी रखी जा सकती है।
फ्रिजर की जरूरत नहीं
मध्यान्ह भोजन के प्रभारी जीएस चौहान ने बताया कि खाना खाने के कुछ समय बाद यदि बच्चे बीमार होते हैं तो फुड पाइजनिंग का केस माना जाता है। ज्यादा देर बाद हुई शिकायत को फूड पाइजनिंग नहीं माना जाता है। इसलिए खाने को रखने के लिए अभी फ्रीजर की व्यवस्था नहीं की है।
प्रदेश में भी करेंगे व्यवस्था लागू
-सीहोर जिले में शुरू की गई व्यवस्था सराहनीय है। इस संबंध में आवश्यक चर्चा कर पूरे प्रदेश में यह व्यवस्था लागू करने के प्रयास किए जाएंगे।
रामेश्वर शिंदे, विकास आयुक्त और नोडल अधिकारी मध्यान्ह भोजन

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कालेजों में कैसे होगी पढ़ाई
- जिले के सभी कालेजों में नही हैं पूरा अमला
- विषय विशेषज्ञ तो है ही नही कालेजो में
महेन्द्र ठाकुर. सीहोर
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में उच्च शिक्षा को लेकर गंभीर लापरवाही बरती जा रही है। यहां सात शासकीय कॉलेज हैं, जहां विषय विशेषज्ञों की कमी छात्रों के भविष्य पर ग्रहण लगा सकती है। हालांकि इस कमी की जानकारी सभी प्राचार्यों ने नोडल अधिकारी को भेज दी है और नोडल अधिकारी ने कलेक्टर को रिक्त पदों की जानकारी से अवगत करा दिया है। उसके बाद भी शासन स्तर पर खाली पद भरने के कोई इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं।
अधिकारिक जानकारी के अनुसार शासकीय चंद्रशेखर आजाद स्नातकोत्तर महाविद्यालय सीहोर में रसायन शास्त्र, वाणिज्य और समाजशास्त्र के विशेषज्ञ नहीं हैं। इसी प्रकार गणित और विधि के दो-दो पद खाली पड़े हैं। कन्या महाविद्यालय में अंग्रेजी और उर्दू के पद रिक्त पड़े हैं। इछावर के कॉलेज में अंग्रेजी, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, हिन्दी के एक-एक पद और वाणिज्य के दो पद रिक्त हैं। आष्टा के कॉलेज में हिन्दी, उर्दू, राजनीति शास्त्र, अंग्रेजी, भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र, गणित और प्राणीशास्त्र के एक-एक पद रिक्त पड़े हैं। बुदनी के कॉलेज में अर्थशास्त्र का एक पद खाली पड़ा है, वहीं नसरूल्लागंज कॉलेज में अंगे्रजी, समाजशास्त्र, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र और वाणिज्य का एक पद खाली है। रेहटी की बात करें तो यहां सहायक प्राध्यापक के 5 पद स्वीकृत हैं। जिनमें से पांचों पद खाली पड़े हैं।
कैसे होगी पढ़ाई
कॉलेजों में विषय विशेषज्ञ के सहायक प्राध्यापकों की कमी रहने से विद्यार्थियों और अभिभावकों के मन में निश्चित तौर पर यह सवाल आता ही होगी कि आखिर कॉलेज में विद्यार्थियों को कौन पढ़ाता होगा। ऐसे में शासकीय कॉलेजों में शिक्षा का स्तर विस्तृत तौर पर नीचे आने लगेगा। क्योंकि जब पढ़ाने वाले ही नहीं होंगे तो कॉलेज में विद्यार्थी किससे पढ़ेंगे।
क्या कहते हैं अधिकारी...
कॉलेजों में खाली पद भरने के लिए नियम अनुसार कार्रवाई की जा रही है। किसी भी विद्यार्थी को अध्ययन में परेशानी नहीं आने दी जाएगी।
- डॉ. जीडी सिंह, प्राचार्य एवं नोडल अधिकारी, पीजी कॉलेज सीहोर

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कांग्रेस राजनीति में युवा शक्ति के नवज्योति स्तंभ बने राकेश राय
- जन्मदिन पर विशेष
सीहोर. राजनीति के दल-दल में अपनी बेदाग और शानदार छवि के साथ एक सौम्य चेहरा, जिसे देखकर दिल को सुकून मिले, यही वह तलाशा जाए तो यकीनन राकेश राय का ही होगा। श्री राय के बहुआयामी व्यक्तित्व और राजनीति के साथ समाजसेवा के क्षेत्र में उनकी रूचि को देखकर कोई भी कह सकता है कि समाज के शोसित और पीडि़त वर्ग के लिए राकेश राय का व्यक्तित्व एक मसीहा के समान है। श्री राय के पास वह हृदय है जो आज भी समाज के गरीब तबके के हितों के लिए जुटा रहता है। करुणा और अपनत्व के भाव से जब वे अपने कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों से मिलते हैं जब उनके उस करिश्माई व्यक्तित्व के दर्शन होते हैं। जिसके रोम-रोम से यही आवाज आती है कि परहित ही सबसे बड़ा धर्म है। ऐसे जानदार और शानदार राकेश राय के जन्मदिन पर अनेकों-अनेक शुभकामनाएं और बधाईयां देते हुए मन पुलकित हो उठता है।
वस्तुत: किसी भी व्यक्ति के लिए किसी भी एक क्षेत्र में अपना प्रभाव जमाना और उसी में सक्रिय होना तो संभव होता है, परंतु खेल से लेकर राजनीति तक, राजनीति से लेकर समाज सेवा तक, समाजसेवा से लेकर देशभक्ति तक, देशभक्ति से लेकर समाज के हर वर्ग तक गहरी पकड़ और पहुंच रखने वाले बहुआयामी व्यक्तित्व का समावेश किसी भी व्यक्ति के लिए संभव नहीं होता। लेकिन इसे ईश्वर की अनुपम कृति ही माना जाएगा कि उसने राकेश राय के व्यक्तित्व में इन सभी गुणों का एक साथ समावेश कर दिया है।
श्री राय का पूरा जीवन समाजसेवा और देशसेवा की बेजोड़ मिसाल है। उन्होंने अपने अब तक के लंबे राजनीतिक जीवन में न केवल अपने सारे गुणों को बरकरार रखा, बल्कि इन सभी खूबियों के सहारे सीहोर की राजनीति में अपनी विशिष्ट निर्विवाद जगह बनाई है और देश के जन मानस में अपना सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्थान बनाने में भी सफलता हासिल की है। श्री राय के व्यवहार और स्वभाव में कार्यकर्ता, नेता, पदाधिकारी और यहां तक कि एक गरीब व्यक्ति के लिए भी एक ऐसी समानता है जो उन्हें उनके समकालीन नेताओं से अलग विशिष्ट पहचान प्रदान करती है।
राजनीति को जनसेवा, देशसेवा का माध्यम मानने वाले श्री राय सर्वप्रथम कांग्रेस पार्षद निर्वाचित हुए। उनकी लोकप्रियता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि राकेश राय निर्दलीय नगर पालिका अध्यक्ष निर्वाचित हुए और अपने कार्यकाल में उन्होंने सीहोर की पेयजल समस्या का स्थायी समाधान दिया। जिसके तहत केंद्र सरकार ने यूआईडीएसएसएमटी योजना को मंजूरी दी। इस योजना के द्वारा गंगा आश्रम, भोपाल नाका और एमपीईबी चौराहे पर पानी की टंकी बन रही है। विकास को ही उन्होंने प्राथमिकता दी। उसी का सुखद परिणाम है कि शहर में सडक़ों का जाल बिछा। सबसे बड़ी बात यह रही कि नगर पालिका में कर्मचारियों को समय पर वेतन दिया गया और कभी भी किसी को बेरोजगार नहीं किया गया। पूरा कार्यकाल सकारात्मक सोच का परिणाम रहा। ऐसे जनप्रिय नेता को उनके जन्मदिवस पर हार्दिक बधाई...।
- महेंद्र ठाकुर, सीहोर

Saturday, February 5, 2011

साठ गुना छोटी है सीहोर में बनी मिनी वल्र्ड कप



महेन्द्र ठाकुर

सीहोर। वल्र्ड कप क्रिकेट के सबसे लोकप्रिय आयोजनविश्वकप का खुमार सिर चढ़कर बोलने लगा है। वल्र्ड कप शुरू होने में अबमहज कुछ ही दिनों का समय बचा है। ऐसे समय में क्रिकेट के महाकुंभ मेंसीहोर के होनहार सर्राफा व्यापारी नितिन सोनी ने वल्र्ड कप ट्राफी की तरहमहज एक सेंटीमीटर की मिनी वल्र्डकप ट्राफी बनाकर न केवल अदभुत इतिहासरचकर गीनिज बुक आफ वल्र्ड रिकार्ड के कर्ताधर्ताओं का नाम भी अपनी तरफआकर्षित कर दिया है। नितिन ने इस मिनी वल्र्ड कप ट्राफी को वल्र्डकपक्रिकेट में मैन आफ द सीरिज जीतने वाले खिलाड़ी को देने की घोषणा की है।नितिन ने एक जानकारी में दावा करते हुए बताया कि वल्र्डकप ट्राफी कीहुबुहू प्रतिकृति के रूप में तैयार एक सेटीमीटर की मिनी वल्र्डकप ट्राफीविश्च में अब तक की सबसे छोटी ट्राफी है, जो वल्र्ड कप ट्राफी से आकारमें साठ गुना छोटी है। इस ट्रसफी में 23 कैरेट का महज 510 मिलीग्राम(करीब आधा ग्राम)सोने का उपयोग किया गया है। श्री सोनी कहते हैं कि उनकाबचपन से ही क्रिकेट का शौक रहा है। वल्र्ड कप क्रिकेट प्रतियोगिता शुरूहोने के पहले उसके मन में आया कि क्यो न वल्र्ड कप क्रिकेट में सीहोर कानाम भी जोड़ा जाए। इसी सोच के बाद उसने वल्र्ड कप टाफी की तरह ही उसकीसबसे छोटी प्रतिकृति बनाने की तैयारी शुरू कर दी। इसके बाद तीन से चारदिन के अथक प्रयास के बाद उसने सबसे छोटी एक सेंटीमीटर की ट्राफी बनानेमें सफलता प्राप्त की। नितिन ने बताया कि वह इस सबसे छोटी मिनी वल्र्डकपट्राफी को वल्र्डकप क्रिकेट में मैन आफ द सीरिज विजेता को भेंट करनाचाहते हैं।

Thursday, February 3, 2011

सीहोर में पांच बेटियों के हत्या के आरोपी पिता को मौत की सजा


महेन्द्र ठाकुर, सीहोर।
सीहोर जिला अदालत के न्यायाधीष वेदप्रकाष षर्मा ने आज 3 फरवरी गुरूवार को निर्णय पारित किया है, जिसमें पांच बेटियों के हत्यारे पिता को मृत्युदण्ड की सजा से दंडित किया गया है। जनकारी के अनुसार सीहोर जिले के दूरस्थ ग्राम कनेरिया में 11 जून 2010 को मगनलाल पुत्र मांगीलाल ने कुल्हाड़ी से प्रहार कर अपनी पांच मासूम बेटियों की हत्या कर दी थी। जिन बेटियों की हत्या की गई थी, उनमें 1 साल की जमना, 3 साल की लीला, 4 साल की अरथा, 5 साल की सविता और 6 साल की फूलकुंवर थी। इस मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीष वेदप्रकाष षर्मा ने पूरे मामले में गवाहों व पक्षों को सुनने के बाद 5 बेटियों के हत्यारे पिता मगनलाल को मृत्युदंड की सजा से दंडित किया है। इस मामले में खास बात यह है कि पिता द्वारा पांच बेटियों की किन कारणों से की गई है, इसका पता आज तक नहीं लग सका है। पुलिस अपनी जांच में भी इस बात का खुलासा नहीं कर सकी है कि हत्या का कारण क्या रहा। लेकिन अब अदालत के निर्णय के बाद यह तय हो गया है कि मासूम बेटियों की हत्या करने वाले पिता की भी मृत्यु होना निष्चत है। जो उसे अदालत के निर्णय के बाद मिलेगी।

Saturday, January 22, 2011

सीहोर जिले में भय और आतंक का वातावरण



सीहोर निवासी छात्र ईशान शर्मा के अपहरण और हत्यामामले की सी.आई.डी. जॉंच एवं पुलिस की धीमी गति से जांच पर पुलिसअधिकारियों के खिलाफ मजिस्ट्रीयल जॉंच कराने की मांग को लेकर कांग्रेस नेषानिवार को कलेक्टर कार्यालय के सामने प्रदर्षन किया।कांग्रेस ने ज्ञापन में कहा है कि बड़ा बाजार सीहोर निवासी कक्षा 8वीं काछात्र ईशांत शर्मा रहस्मय परिसिथतियों में लापता हो गया था बुधवार 19जनवरी को छात्र लापता हुआ था मामले में पूरे शहर में चर्चा रही कि छात्रके पिता के पास उसके मोबाइल से 40 लाख की फिरोती के लिये कॉल किया गयापुलिस ने काफी देर बाद अपहरण का मामला कायम किया मोबाइल नेटवर्किंग सेआरोपियों तक पुलिस नहीं पहुंच सकी, छात्र को जीवित नहीं बचाया जा सका कुलमिला कर अपहरण के इस मामले में पुलिस ने लापरवाही बरती इसलिये मामले मेंलापरवाह पुलिस कर्मियों के खिलाफ मजिस्ट्रीयल जॉंच होनी चाहिये और जिसनेअपहरण का मामला कायम करने में देरी की और जॉंच भी धीमी गति से परिणामस्वरूप छात्र की हत्या हो गई । कांग्रेसजनों का अनुरोध है कि सीहोर में कई साल पहले भीछात्र अनूप रायकी हत्या हुई थी इस छात्र की लाश इछावर रोड के पास मिली थी उसके हत्यारेभी आज तक नहीं पकडाये है अब छात्र ईशांत शर्मा की हत्या हुई है सीहोर केछात्र की लाश भोपाल में मिली पूरे मामले में सी.आई.डी. जॉंच अत्यन्तआवश्यक है क्योंकि सीहोर और भोपाल की पुलिस मोबाइल पर कॉल आने के बाद भीनाकाबन्दी नहीं कर सकी और अपराधी आज खुले आम घूम रहे है । छात्र कीनिर्मम हत्या से पूरे सीहोर जिले में भय और आतंक का वातावरण निर्मित होगया है । माता पिता, अभिभावक और पालक अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकरस्वभाविक रूप से चिंतित है । कांग्रेसजन अनरुोध करते है कि मध्य प्रदेशशासन और उसका पुलिस महकमा विद्यार्थी हित में सजगता पूर्ण कार्यवाही करें। यदि आरोपियों की गिरफ्तारी और लापरवाह पुलिस अधिकारियों पर कार्यवाहीनहीं होती है तो मजबूरी में सभी कांग्रेसजन 27 जनवरी को सीहोर बन्द काआव्हान करेंगें कांग्रेस का आन्प्दोलन जनहित में पूरी तरह शांतिप्रियतरीके से है सभी सह सहयोग की अपेक्षा की जा रही है, जन-भावनाओं का सम्मानकरते हुये मध्य प्रदेश शासन मामले में सी.आई.डी. और मजिस्ट्रीयल जांच केआदेश प्रदान कर नागरिकों का भरोसा प्रशासनिक तंत्र पर कायम रखने मेंसहयोग प्रदान करने की बात कही है।जांच की मांग को लेकर उठाऐ बिन्दु1- सीहोर जिले के समस्त कांग्रेसजन मध्य प्रदेश शासन का ध्यान निम्नबिन्दुओं पर आकर्षित कराते हुये जांच का सादर अनुरोध करते है बिन्दु इसप्रकार है -1- छात्र ईशांत शर्मा का अपहरण हो जाने के बाद पुलिस ने अपहरण का मामलाकायम करने में देरी क्यों की ?2- छात्र के मोबाइल से उसके पिता के पास क्या फोन आया था यदि आया था तोमोबाइल नेटवर्क के माध्यम से अपराधियों मो क्यों नहीं पकडा जा सका ।3- छात्र ईशांत शर्मा को कथित अपहरणकर्ताओं ने सीहोर से भोपाल तक ले जायागया इस बीच कई थाने पडते है पुलिस ने चैकिंग करना उचित क्यों नहीं समझा ?4- पूरे मामले में पुलिस ने अपहरणकर्ताओं के खिलाफ जॉंच में तेजी क्योंनहीं दिखाई ?5- मामला छात्र की सुरक्षा से जुडा हुआ था इसके बाद भी पूरे मामले मेंछात्र की सुरक्षा का ध्यान क्यों नहीं रखा गया ?6- सीहोर जिले में इससे पहले भी एक छात्र अनूप राय की हत्या हो चुकी हैउसके आरोपी नहीं पकडे गये है यह दूसरा मामला है पूरा जिला भय और आतंक केबीच जीवन यापन कर रहा है, पुलिस ऐसे कौन से कदम उठा रही है जिससे किभविष्य में ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना की पुनरावृत्ति ना हो ?7- पुलिस की कथित लापरवाही के कारण जनता और पुलिस के बीच दूरियां बडती जारही है आमजन पुलिस पर भरोसा नहीं कर रहा है ऐसे में पुलिस की भूमिका अबक्या बची है दोबारा नागरिकों का भरोसा पुलिस पर कायम हो इसके लिये क्याकदम उठाये जा रहे है ?8- आधुनिक दौर में पुलिस बल अत्याधुनिक संचार प्रणाली से लेस है उसके बादभी छात्र ईशांत शर्मा की हत्या के मामले में पुलिस जांच में पीछे कैसे रहगई ।