महेन्द्र सिंह ठाकुर, सीहोर।
शुक्रवार तड़के भोपाल-इंदौर हाइवे पर चैपाल-सागर से एक किमी आगे इंदौर की ओर स्थित ग्राम रफीकगंज के पास एक तेज रफ्तार जीप खड़े ट्राले से टकरा गई। जीप में सवार पांच लोगों की घटनास्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जबकि अन्य आठ यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। मरने वालों में दो पुरुष, दो महिलाएं एवं एक बच्चा भी शामिल हैं, चार घायल की गंभीरता देखते हुए उन्हें भोपाल रेफर किया गया है, जबकि शेष चार घायलों को जिला अस्पताल में ही रखा गया है। जीप में सवार यात्री रतलाम और धार जिले के थे, जो नागपुर से ताजुद्दीन की दरगाह से दर्शन कर वापस रतलाम लौट रहे थे। बताया जाता है कि रतलाम और धार के यात्री नागपुर में ताजुद्दीन दरगाह के दर्शन कर सपरिवार लौट रहे थे। उनकी स्कार्पियो जीप क्रमांक एमपी 09 सीडी 8987 इंदौर-भोपाल स्टेट हाईवे पर रफीकगंज के पास सड़के पर बेतुके ढंग से खड़े ट्राला क्रमांक एमपी 09 एचजी 6848 से जा टकराई। टक्कर इतनी भीषण थी कि जीप के परखच्चे उड़ गए और घटना के घंटों बाद लोगों ने जीप को तोड़कर शवों को बाहर निकाला। जिम्मेदार रहे नदारद स्टेट हाइवे पर इस भीषण दुर्घटना की खबर मिलते ही जहां मुख्यालय के छोटे पुलिसकर्मियों और नगरपालिका के कुछ कर्मचारी मौके पर पहुंचे थे, वहीं घटना के करीब तीन घंटे बाद तक पुलिस या प्रशासन का कोई भी वरिष्ठ अधिकारी मौके पर हालात का जायजा लेेने के लिए नहीं पहुंचा। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही उजागर इस घटना के घंटों बाद भले ही एसडीएम इच्छित गढ़पाले, एसडीओपी योगेश्वर शर्मा मौके पर पहुंचे, लेकिन इसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन लापरवाह बना रहा और आखिरकार अस्पताल प्रबंधन को कई बार सूचना देने के बाद भी शवों को लाने के लिए कोई भी वाहन वहां नहीं पहुंचा था। नतीजन आने-जाने वाले वाहनों की मदद से अधिकारियों ने शवों को अस्पताल भेजने की व्यवस्था बनाई। किया गया मार्ग बंद शुक्रवार तड़के जब यह घटित हुई, तब जीप से निकलकर कुछ घायल और मृत अवस्था में कुछ लोग बीच सड़क पर आ गिरे थे, जिसके चलते इस सड़क पर लंबा जाम लग गया था, वहीं सुबह होते-होते जब प्रशासनिक अमला वहां पहुंचा तो व्यवस्थाएं बनाने के लिए कुछ देर के लिए स्टेट हाईवे पर इंदौर की ओर जाने वाला हिस्सा पूरी तरह बंद किया गया, जिससे लंबी दूरी तक वाहनों की कतारें लग गईं। इस पूरे घटनाक्रम में प्रशासन और पुलिस के अधिकारी मौके पर तब पहुंचे, जब कलेक्टर को लोगों ने सूचना दी। इन्होंने दिखाई मानवता इस भीषण दुर्घटना में जिन पांच लोगों की मौत हुई है, उनके शवों की हालत देखकर हर किसी का सिर चकरा गया था, लेकिन ऐसे में भी तीन लोग वहां ऐसे देखे गए, जिन्होंने इंसानियत का परिचय देते हुए मानवता को सर्वोपरि माना और आगे आकर क्षब्ध-विक्षप्त शवों को अपने हाथों से व्यवस्थित कराया। इन तीन लोगों में पहले थे मंडी थाने के जांबाज एएसआई धर्मेन्द्र सिंह तोमर, दूसरे थे खंडवा से भोपाल वाहन ले जाने वाले चालक नूर मियां पुत्र नजीर पटेल और तीसरे जांबाज मददगार थे संतोष मालवीय, जो नगरपालिका में जेसीबी ऑपरेटर के तौर पर सेवाएं देते हैं।
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