Sunday, July 31, 2011

सेंपल खोलेगा मध्यान्ह की पोल


महेन्द्र ठाकुर. सीहोर
अब स्कूलों में मिलने वाले मध्यान्ह भोजन में समूह लापरवाही नहीं बरत सकेंगे। क्योंकि जिला पंचायत ने सभी समारोह को मध्यान्ह भोजन का सेंपल स्कूल में रखने के निर्देश दिए हैं। इससे भोजन के मीनू का पता चलेगा ही साथ ही यदि बच्चों में फूड पाइजनिंग होती है तो तुरंत ही भोजन की जांच करवाई जा सकेगी।
मध्यान्ह भोजन व्यवस्था में आए दिन मीनू के अनुसार भोजन न देने, गुणवत्ता विहीन खाना बच्चों को खिलाने सहित अन्य शिकायतें होती आई हैं। जिला पंचायत ने इस समस्याओं से निपटने के लिए मध्यान्ह भोजन बनाने वाले समूहों को निर्देशित किया है कि बच्चों के लिए आने वाले खाने का कुछ हिस्सा बतौर सेंपल के रखा जाए। यह सेंपल संस्था प्रधान की निगरानी में रहेगा। बच्चों के लिए आने वाले भोजन में से ही सेंपल निकाला जाए और उसमें किसी तरह का हेर-फेर न हो, यह जिम्मेदारी संस्था प्रधान की होगी। भोजन करने के बाद यदि बच्चों में फूड पाइजनिंग का मामला सामने आता है तो बतौर सेंपल रखे गए भोजन की जांच की जा सकती है। इसके अलावा इस सैंपल से एक दिन बाद तक मीनू की सही जानकारी रखी जा सकती है।
फ्रिजर की जरूरत नहीं
मध्यान्ह भोजन के प्रभारी जीएस चौहान ने बताया कि खाना खाने के कुछ समय बाद यदि बच्चे बीमार होते हैं तो फुड पाइजनिंग का केस माना जाता है। ज्यादा देर बाद हुई शिकायत को फूड पाइजनिंग नहीं माना जाता है। इसलिए खाने को रखने के लिए अभी फ्रीजर की व्यवस्था नहीं की है।
प्रदेश में भी करेंगे व्यवस्था लागू
-सीहोर जिले में शुरू की गई व्यवस्था सराहनीय है। इस संबंध में आवश्यक चर्चा कर पूरे प्रदेश में यह व्यवस्था लागू करने के प्रयास किए जाएंगे।
रामेश्वर शिंदे, विकास आयुक्त और नोडल अधिकारी मध्यान्ह भोजन

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कालेजों में कैसे होगी पढ़ाई
- जिले के सभी कालेजों में नही हैं पूरा अमला
- विषय विशेषज्ञ तो है ही नही कालेजो में
महेन्द्र ठाकुर. सीहोर
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में उच्च शिक्षा को लेकर गंभीर लापरवाही बरती जा रही है। यहां सात शासकीय कॉलेज हैं, जहां विषय विशेषज्ञों की कमी छात्रों के भविष्य पर ग्रहण लगा सकती है। हालांकि इस कमी की जानकारी सभी प्राचार्यों ने नोडल अधिकारी को भेज दी है और नोडल अधिकारी ने कलेक्टर को रिक्त पदों की जानकारी से अवगत करा दिया है। उसके बाद भी शासन स्तर पर खाली पद भरने के कोई इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं।
अधिकारिक जानकारी के अनुसार शासकीय चंद्रशेखर आजाद स्नातकोत्तर महाविद्यालय सीहोर में रसायन शास्त्र, वाणिज्य और समाजशास्त्र के विशेषज्ञ नहीं हैं। इसी प्रकार गणित और विधि के दो-दो पद खाली पड़े हैं। कन्या महाविद्यालय में अंग्रेजी और उर्दू के पद रिक्त पड़े हैं। इछावर के कॉलेज में अंग्रेजी, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, हिन्दी के एक-एक पद और वाणिज्य के दो पद रिक्त हैं। आष्टा के कॉलेज में हिन्दी, उर्दू, राजनीति शास्त्र, अंग्रेजी, भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र, गणित और प्राणीशास्त्र के एक-एक पद रिक्त पड़े हैं। बुदनी के कॉलेज में अर्थशास्त्र का एक पद खाली पड़ा है, वहीं नसरूल्लागंज कॉलेज में अंगे्रजी, समाजशास्त्र, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र और वाणिज्य का एक पद खाली है। रेहटी की बात करें तो यहां सहायक प्राध्यापक के 5 पद स्वीकृत हैं। जिनमें से पांचों पद खाली पड़े हैं।
कैसे होगी पढ़ाई
कॉलेजों में विषय विशेषज्ञ के सहायक प्राध्यापकों की कमी रहने से विद्यार्थियों और अभिभावकों के मन में निश्चित तौर पर यह सवाल आता ही होगी कि आखिर कॉलेज में विद्यार्थियों को कौन पढ़ाता होगा। ऐसे में शासकीय कॉलेजों में शिक्षा का स्तर विस्तृत तौर पर नीचे आने लगेगा। क्योंकि जब पढ़ाने वाले ही नहीं होंगे तो कॉलेज में विद्यार्थी किससे पढ़ेंगे।
क्या कहते हैं अधिकारी...
कॉलेजों में खाली पद भरने के लिए नियम अनुसार कार्रवाई की जा रही है। किसी भी विद्यार्थी को अध्ययन में परेशानी नहीं आने दी जाएगी।
- डॉ. जीडी सिंह, प्राचार्य एवं नोडल अधिकारी, पीजी कॉलेज सीहोर

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कांग्रेस राजनीति में युवा शक्ति के नवज्योति स्तंभ बने राकेश राय
- जन्मदिन पर विशेष
सीहोर. राजनीति के दल-दल में अपनी बेदाग और शानदार छवि के साथ एक सौम्य चेहरा, जिसे देखकर दिल को सुकून मिले, यही वह तलाशा जाए तो यकीनन राकेश राय का ही होगा। श्री राय के बहुआयामी व्यक्तित्व और राजनीति के साथ समाजसेवा के क्षेत्र में उनकी रूचि को देखकर कोई भी कह सकता है कि समाज के शोसित और पीडि़त वर्ग के लिए राकेश राय का व्यक्तित्व एक मसीहा के समान है। श्री राय के पास वह हृदय है जो आज भी समाज के गरीब तबके के हितों के लिए जुटा रहता है। करुणा और अपनत्व के भाव से जब वे अपने कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों से मिलते हैं जब उनके उस करिश्माई व्यक्तित्व के दर्शन होते हैं। जिसके रोम-रोम से यही आवाज आती है कि परहित ही सबसे बड़ा धर्म है। ऐसे जानदार और शानदार राकेश राय के जन्मदिन पर अनेकों-अनेक शुभकामनाएं और बधाईयां देते हुए मन पुलकित हो उठता है।
वस्तुत: किसी भी व्यक्ति के लिए किसी भी एक क्षेत्र में अपना प्रभाव जमाना और उसी में सक्रिय होना तो संभव होता है, परंतु खेल से लेकर राजनीति तक, राजनीति से लेकर समाज सेवा तक, समाजसेवा से लेकर देशभक्ति तक, देशभक्ति से लेकर समाज के हर वर्ग तक गहरी पकड़ और पहुंच रखने वाले बहुआयामी व्यक्तित्व का समावेश किसी भी व्यक्ति के लिए संभव नहीं होता। लेकिन इसे ईश्वर की अनुपम कृति ही माना जाएगा कि उसने राकेश राय के व्यक्तित्व में इन सभी गुणों का एक साथ समावेश कर दिया है।
श्री राय का पूरा जीवन समाजसेवा और देशसेवा की बेजोड़ मिसाल है। उन्होंने अपने अब तक के लंबे राजनीतिक जीवन में न केवल अपने सारे गुणों को बरकरार रखा, बल्कि इन सभी खूबियों के सहारे सीहोर की राजनीति में अपनी विशिष्ट निर्विवाद जगह बनाई है और देश के जन मानस में अपना सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्थान बनाने में भी सफलता हासिल की है। श्री राय के व्यवहार और स्वभाव में कार्यकर्ता, नेता, पदाधिकारी और यहां तक कि एक गरीब व्यक्ति के लिए भी एक ऐसी समानता है जो उन्हें उनके समकालीन नेताओं से अलग विशिष्ट पहचान प्रदान करती है।
राजनीति को जनसेवा, देशसेवा का माध्यम मानने वाले श्री राय सर्वप्रथम कांग्रेस पार्षद निर्वाचित हुए। उनकी लोकप्रियता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि राकेश राय निर्दलीय नगर पालिका अध्यक्ष निर्वाचित हुए और अपने कार्यकाल में उन्होंने सीहोर की पेयजल समस्या का स्थायी समाधान दिया। जिसके तहत केंद्र सरकार ने यूआईडीएसएसएमटी योजना को मंजूरी दी। इस योजना के द्वारा गंगा आश्रम, भोपाल नाका और एमपीईबी चौराहे पर पानी की टंकी बन रही है। विकास को ही उन्होंने प्राथमिकता दी। उसी का सुखद परिणाम है कि शहर में सडक़ों का जाल बिछा। सबसे बड़ी बात यह रही कि नगर पालिका में कर्मचारियों को समय पर वेतन दिया गया और कभी भी किसी को बेरोजगार नहीं किया गया। पूरा कार्यकाल सकारात्मक सोच का परिणाम रहा। ऐसे जनप्रिय नेता को उनके जन्मदिवस पर हार्दिक बधाई...।
- महेंद्र ठाकुर, सीहोर